नए सोलर ट्यूबवेल इंस्टालेशन पर हरियाणा सरकार दे रही है 75% तक की सब्सिडी
कृषि भारत की इकॉनमी का एक बड़ा और महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें सिंचाई से रिलेटेड कई काम के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। किसानों को अक्सर भारी बिजली बिल का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे फॉसिल फ्यूल से ऑपरेटेड वाटर पंपों का उपयोग करते हैं। इससे पर्यावरण को काफी नुक्सान पहुंचता है। इस समस्या के समाधान के लिए हरियाणा सरकार किसानों को सोलर पैनल ट्यूबवेल के लिए 75% सब्सिडी प्रोवाइड कर रही हैनई योजना के ज़रिए।
सोलर ऊर्जा से चलने वाले पंप पर्यावरण को बिना नुक्सान पहुंचाए या प्रदूषण किए काम करते हैं। उनके उपयोग से किसानों की इलेक्ट्रिकल ग्रिड पर निर्भरता भी कम होती है, जिससे बिजली का बिल भी कम होगा और किसानो को इन भारी बिलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। मॉडर्न टेक्नोलॉजी की सहायता से सस्टेनेबल कृषि प्रैक्टिस में योगदान देकर कृषि विकास को बढ़ावा दिया जाता है।
अब मिलेगी 75% तक की सब्सिडी सोलर पैनल ट्यूबवेल पर
इस योजना की शुरुआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करी है। इस योजना के माध्यम से, राज्य में किसानों को सोलर पैनल ट्यूबवेल का ऑप्शन प्रदान किया जाएगा। इसे बिजली और फॉसिल फ्यूल द्वारा ऑपरेटेड पंपों के लिए कॉस्ट अफ्फेक्टिवे और ईको-फ्रेंडली विकल्प हैं। राज्य सरकार की इस योजना के तहत किसानों को सोलर पैनल ट्यूबवेल के लिए 75% सब्सिडी ऑफर की जा रही है। इससे न केवल किसानों पर खेती का बोझ कम होगा बल्कि उनकी इनकम भी बढ़ेगी और खर्च भी कम होगा।
एप्लीकेशन प्रोसेस
राज्य सरकार ने कहा है कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। इससे पहले, किसानों को सिंचाई के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पर सब्सिडी प्रोवाइड की जाती है। कृषि में सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी से चलने वाले पंपों का उपयोग महत्वपूर्ण है। यह पहल किसानों के सामने आने वाली सिंचाई संबंधी समस्याओं का भी समाधान कर सकती है।
इस नई योजना के कई लाभ हैं जिन्हे आपको जानना चाहिए
सोलर एनर्जी द्वारा ऑपरेटेड सोलर पैनल ट्यूबवेल बिजली जनरेट करने के लिए सोलर पैनलों का उपयोग करता है, जो सोलर पंप को पावर करता है। इससे फॉसिल फ्यूल या ग्रिड पावर द्वारा ऑपरेटेड पंपों की आवश्यकता ख़तम हो जाती है। सोलर डिवाइस प्रदूषक उत्सर्जित किए बिना काम करते हैं जिससे फॉसिल फ्यूल पर चलने वाले पंपों को बदलने की अनुमति मिलती है जो पर्यावरण को भारी प्रदूषित करते हैं। किसान सोलर पंप इंस्टॉल करने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारों से सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं जिससे उन्हें सोलर पंप में इन्वेस्ट करने के लिए फिनांशियल असिस्टेंस मिलती है।
सोलर पंपों के उपयोग से इलेक्ट्रिक ग्रिड से प्राप्त बिजली के बिल में कमी आ सकती है जिससे किसानों को फिनांशियल बेनिफिट होगा। किसान सोलर पैनल पंपों पर लगे सोलर पैनलों से जनरेट की गई एक्स्ट्रा बिजली को नजदीकी बिजली डिस्ट्रीब्यूटर को भी बेच सकते हैं। इससे सोलर एनर्जी के माध्यम से किसान आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। ये फायदे सोलर पैनल ट्यूबवेल को कृषि गतिविधियों में किसानों के लिए एक सस्टेनेबल और एक विजबले विकल्प बनाते