भारतीय रेल हर दिन करोड़ों लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक पहुँचता है, यात्रियों का सफर सुहाना बना रहे इसके लिए रेलवे ने बहुत सारे नियम भी बना रखे है। रेलवे ने अपने नियम में खासतौर से महिलाओं के सफर को अच्छा बनाने के लिए कुछ स्पेशल नियम भी बनाए है।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको रेलवे के एक ऐसे ही नियम के बारे में बताएँगे जो कि 35 साल पहले बना था और आज भी लागू होता है। यह नियम ट्रेन में अकेले सफर करने वाली लड़कियों और महिलाओं से जुड़ा है। तो चलिए समझते है क्या है यह नियम-
हम जिस नियम की बात कर रहे है वह नियम महिलाओं और लड़कियों से जुड़ा है जो ट्रेन में अकेले सफर करती है, इस नियम के मुताबिक अगर कोई महिला बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रही हो तब भी टीटीई उसे नीचे नहीं उतार सकता है।
जी हाँ, रेलवे में यह खास नियम है कि महिला बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रही हो तब भी टीटीई उसे नीचे नहीं उतार सकता है। इस कानून के मुताबिक आप कुछ शर्तों के साथ अपनी यात्रा आसानी से जारी रख सकते है।
इसके तहत यात्रा करने के लिए आपके पास संबंधित स्टेशन का प्लेटफॅार्म टिकट होना जरूरी है, यदि आपके पास प्लेटफॅार्म टिकट है तो आपकी यात्रा कानूनी रूप से भी वैध मानी जाएगी, इसके लिए आप अतिरिक्त जुर्माना भर कर यात्रा जारी रख सकते हैं।
अन्य नियम में अगर कोई महिला ट्रेन में अकेले सफर कर रही है और उसके पास टिकट नहीं है तो टीटीई ट्रेन से उसे नीचे नहीं उतार सकता, महिला के पास चाहे जुर्माने के लिए पैसे हो या न हो, उसे टीटीई डिब्बे से बाहर नहीं कर सकता है।
रेलवे के इस कानून के बारे में यात्री को तो छोड़ दीजिए रेलवे के स्टाफ को भी पता नहीं होता है। रेलवे ने साल 1989 में एक कानून बनाया है, जिसके मुताबिक अकेले सफर कर रही महिला यात्री को किसी भी स्टेशन पर उतार देने से अनहोनी की आशंका हो सकती है। अकेली महिला यात्रियों की सुरक्षा के हिसाब उस समय रेलवे ने अपने नियमों में बदलाव किया था।