अगर आप नौकरीपेशा हैं और हर महीने EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में योगदान करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद ज़रूरी है। कर्मचारी पेंशन योजना (EPS), जिसे आम भाषा में पेंशन स्कीम भी कहा जाता है, रिटायरमेंट के बाद आपके बुढ़ापे का सहारा बनती है। हर कर्मचारी को यह जानना चाहिए कि इस योजना के तहत उन्हें अधिकतम कितनी पेंशन मिल सकती है। आइए EPFO से पेंशन की पूरी गणना और उससे जुड़े नियमों को आसान भाषा में समझते हैं।
पेंशन पाने की शर्तें और पात्रता
ईपीएफओ से हर किसी को पेंशन नहीं मिलती। पेंशन पाने के लिए एक मुख्य शर्त है: आपको इस योजना में कम से कम 10 साल तक योगदान करना होगा। आपकी कुल नौकरी अवधि और योगदान के आधार पर यह तय होता है कि आपको कितनी पेंशन मिलेगी।

पेंशन की गणना का आसान फॉर्मूला
ईपीएफओ से प्राप्त पेंशन की गणना एक विशेष सूत्र का उपयोग करके की जाती है:
ईपीएस=(औसत वेतन×पेंशन योग्य सेवा)/70
यहाँ, औसत वेतन का अर्थ है आपका मूल वेतन + पिछले 12 महीनों का डीए। पेंशन योग्य सेवा की अधिकतम सीमा 35 वर्ष है। इसी प्रकार, अधिकतम पेंशन योग्य वेतन ₹15,000 है। अतः, प्रति माह अधिकतम पेंशन हिस्सा ₹15,000 x 8.33% = ₹1,250 है। इस सूत्र के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति अधिकतम अंशदान और 35 वर्ष की सेवा पूरी करता है, तो उसे अधिकतम ₹7,500 पेंशन मिल सकती है।
न्यूनतम और अधिकतम पेंशन
ईपीएस के तहत न्यूनतम पेंशन ₹1,000 है। अधिकतम पेंशन ₹7,500 तक हो सकती है। आज की महंगाई को देखते हुए, ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त मानी जाती है। इसी वजह से इसे बढ़ाने की लंबे समय से मांग चल रही है।
पेंशन से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण नियम

ईपीएस नियमों के अनुसार, कर्मचारी 58 वर्ष की आयु में पेंशन का हकदार होता है। हालांकि, वह चाहे तो 58 से पहले भी पेंशन ले सकता है। इसे अर्ली पेंशन कहा जाता है, जिसका लाभ 50 वर्ष की आयु के बाद लिया जा सकता है। लेकिन इस विकल्प में, 58 वर्ष की आयु से पहले जितने वर्ष होंगे, आपकी पेंशन राशि हर साल 4 प्रतिशत कम हो जाएगी।
आपकी कमाई का कितना हिस्सा EPS में जाता है?
संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन + डीए का 12% हर महीने ईपीएफ में जमा होता है। कंपनी भी इतनी ही राशि जमा करती है। हालाँकि, कंपनी का 12% योगदान दो हिस्सों में बँटा होता है: 8.33% सीधे ईपीएस फंड में जाता है, और बाकी 3.67% ईपीएफ खाते में जमा होता है। यही 8.33% योगदान आपकी पेंशन का आधार बनता है।
