बिहार सरकार ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उन्हें रोज़गार देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का नाम है मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना। अब, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना का आधिकारिक पोर्टल लॉन्च कर दिया है। उन्होंने इसमें शामिल होने की इच्छुक महिलाओं के लिए आवेदन पत्र भी जारी किया। इस अवसर पर सरकार के कार्यों और महिला सशक्तिकरण योजनाओं को दर्शाती एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग परिसर से 250 जागरूकता वाहनों को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन लोगों को योजना के बारे में जानकारी देने में मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रही है और महिलाओं के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
महिला आरक्षण और स्वयं सहायता समूह
पोर्टल लॉन्च के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार पंचायती राज और नगर निगम चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण देगी। सरकार ने विश्व बैंक से ऋण लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या भी बढ़ाई है। अब 11 लाख से ज़्यादा स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियाँ जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत 2024 में हुई और अब 37,000 समूह हैं जिनमें 3 लाख 85 हज़ार जीविका दीदियाँ हैं। इन समूहों से जुड़कर महिलाएँ शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
महिला सशक्तिकरण और प्रमुख योजनाएँ
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि 2013 में पुलिस भर्ती में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया गया और 2016 में सभी सरकारी सेवाओं में 35% आरक्षण दिया गया। महिलाओं की मांग पर सरकार ने शराबबंदी भी लागू की।
महिलाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएँ चलाई जा रही हैं। महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं। शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाएँ एक सशक्त समाज का निर्माण करती हैं।
