केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई जीएसटी दरों और स्लैब का कृषि क्षेत्र पर बड़ा असर पड़ेगा। छोटे और मझोले किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। कृषि उपकरणों पर जीएसटी में कटौती से खेती की लागत कम होगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नई जीएसटी दरें और स्लैब किसानों के लिए कई मायनों में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि छोटे और मझोले किसानों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा। कृषि उपकरणों पर जीएसटी कम होने से खेती की लागत कम होगी और किसानों का मुनाफ़ा बढ़ेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी में कटौती की गई है। इससे किसानों को मदद मिलेगी और वे रासायनिक उर्वरकों से जैव-उर्वरकों की ओर रुख करेंगे। डेयरी क्षेत्र में, दूध और पनीर पर जीएसटी हटा दिया गया है। इससे न केवल आम लोगों को, बल्कि किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों को भी लाभ होगा।
कृषि उपकरण सस्ते होंगे, किसानों को अधिक बचत होगी
नए जीएसटी सुधारों से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। कुछ कंपनियों ने तो इसका लाभ किसानों को देना शुरू भी कर दिया है। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और रोटावेटर जैसे कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाकर 5% कर दिया गया है। यह किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
उदाहरण के लिए, अगर पहले एक ट्रैक्टर की कीमत ₹9 लाख थी, तो अब किसान उस पर लगभग ₹65,000 की बचत कर पाएगा। ₹5.8 लाख के 35 एचपी ट्रैक्टर पर, बचत ₹41,000 होगी। 45 एचपी ट्रैक्टर पर, बचत ₹45,000 होगी। 50 एचपी ट्रैक्टर पर, बचत ₹53,000 होगी। 75 एचपी ट्रैक्टर पर, बचत लगभग ₹63,000 होगी। इस प्रकार, किसान केवल ट्रैक्टर पर ₹25,000 से ₹63,000 तक की बचत कर सकते हैं।
डेयरी और कृषि क्षेत्र को लाभ होगा
डेयरी क्षेत्र में अब दूध और पनीर पर जीएसटी नहीं लगेगा। इससे आम लोगों और दूध उत्पादकों, दोनों को फायदा होगा। किसानों, पशुपालकों और डेयरी व्यवसायियों को भी ज़्यादा कमाई होगी। मक्खन, घी और दूध के डिब्बों पर जीएसटी कम कर दिया गया है, जिससे इनकी माँग बढ़ेगी और डेयरी क्षेत्र को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर भी जीएसटी कम कर दिया गया है। अब इनकी कीमत कम होगी, जिससे प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसान रासायनिक उर्वरकों से जैव-उर्वरकों की ओर रुख करेंगे। अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरकों पर भी जीएसटी 18% से घटकर 5% हो गया है। ये उर्वरक बनाने के लिए कच्चा माल हैं, इसलिए कीमतें गिरेंगी और किसानों को लाभ होगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला समूहों को बढ़ावा
सीमेंट और लोहे पर जीएसटी में कटौती की गई है, जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में घर बनाना सस्ता हो जाएगा। स्कूलों, आंगनबाड़ियों और पंचायत भवनों की लागत भी कम होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मज़बूत होगी और माँग बढ़ेगी।
ये सुधार महिला समूहों और लखपति दीदी आंदोलन को भी बढ़ावा देंगे। माँग बढ़ने और लागत कम होने से बाज़ार में ज़्यादा पैसा आएगा, जिसका सीधा फ़ायदा किसानों और ग्रामीण महिलाओं को होगा।