बिहार सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए एक नई योजना शुरू की है। चौथे कृषि रोड मैप के तहत सरकार ने हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने का वादा किया है।
इसके समर्थन में, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत डीजल पंप सेटों को बिजली कनेक्शन देकर किसानों की मदद की जा रही है। कृषि विभाग द्वारा बताए गए 7.20 लाख डीजल पंप सेटों में से अब तक 3.60 लाख पंप सेटों को बिजली कनेक्शन मिल चुके हैं।
इस योजना का उद्देश्य हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुँचाना है ताकि किसान आसानी से फसल उत्पादन बढ़ा सकें। यह योजना सिंचाई की समस्या का समाधान तो कर ही रही है, साथ ही किसानों को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद कर रही है। अगर आप इस सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना होगा। आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं ताकि आप इस योजना का लाभ आसानी से उठा सकें।
योजना के लक्ष्य
बिहार विद्युत विभाग 4.80 लाख पंप सेटों को बिजली देने की योजना बना रहा है। इसमें पहले से जुड़े 3.60 लाख पंप सेटों के अलावा 1.20 लाख नए पंप सेट भी शामिल हैं।
2024-25 का लक्ष्य: इस वर्ष सरकार ने 1.50 लाख पंपसेट जोड़ने का लक्ष्य रखा है। अब तक 1 लाख पंपसेटों में बिजली पहुँच चुकी है, और शेष 50,000 पंपसेटों को मार्च 2025 तक जोड़ दिया जाएगा।
2025-26 का लक्ष्य: सरकार की योजना इस वर्ष 1.50 लाख पंप सेट जोड़ने की है।
सितंबर 2026 तक का लक्ष्य: 2026 तक इस योजना के तहत 1.80 लाख पंप सेट जोड़े जाएंगे।
किसानों के लिए मुफ्त लाभ
इस योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि किसानों के लिए बिजली कनेक्शन पूरी तरह से मुफ़्त है। उन्हें कोई शुल्क नहीं देना है। आवेदन प्रक्रिया सरल और आसान है, इसलिए किसान बिना किसी परेशानी के इसका लाभ उठा सकते हैं।
बिजली से चलने वाले पंपों का इस्तेमाल डीज़ल पंपों से 10 गुना सस्ता होगा। इससे लागत कम होगी और किसानों का मुनाफ़ा बढ़ेगा।
आवेदन कैसे करें
- किसान परियोजना ऐप, बिजली विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय बिजली कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
- किसानों को बस अपना आधार कार्ड और ज़मीन के दस्तावेज़ जमा करने होंगे। साथ ही, उन्हें अपना पंप सेट लगाने का पता भी बताना होगा ताकि समय पर बिजली मिल सके।