भारतीय रेलवे बिहारवासियों के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आ रहा है। इस छठ पर्व पर बिहार से देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू होने जा रही है। यह ट्रेन पटना से दिल्ली के बीच चलेगी, जिससे यात्री कम समय में और आरामदायक तरीके से अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे। बिहार के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है, क्योंकि यह देश का इकलौता राज्य बन गया है जहाँ वंदे भारत, अमृत भारत और नमो भारत तीनों तरह की आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं।
यात्रा आधी हो जाएगी और समय भी अधिक बचेगा।
रेलवे ने पटना से वंदे भारत स्लीपर एक्सप्रेस चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। इस ट्रेन से यात्रियों का काफी समय बचेगा, क्योंकि यह पटना से दिल्ली का सफर आधे समय में पूरा कर लेगी। फ़िलहाल ट्रेन से यह दूरी तय करने में लगभग 23 घंटे लगते हैं, लेकिन वंदे भारत शुरू होने के बाद 1000 किलोमीटर का यह सफर सिर्फ़ 11.30 घंटे में पूरा हो जाएगा। इसकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और यह प्रयागराज होते हुए दिल्ली पहुँचेगी।
संभावित कार्यक्रम और किराया
यह ट्रेन पटना से रात 8 बजे रवाना होगी और अगले दिन सुबह 7:30 बजे नई दिल्ली पहुँचेगी। वापसी में यह दिल्ली से शाम 5 बजे रवाना होगी और अगले दिन सुबह 6:30 बजे पटना पहुँचेगी। इस तरह आपकी यात्रा साढ़े 11 घंटे में पूरी होगी।
किराये की बात करें तो इसका किराया राजधानी से 10-15 प्रतिशत अधिक हो सकता है। उम्मीद है कि इसका किराया ₹2000 से ₹3000 के बीच होगा, जो हवाई जहाज से सस्ता तो होगा लेकिन हवाई जहाज जैसी सुविधाओं का अनुभव देगा।
यह मौजूदा वंदे भारत से अलग क्यों है?

यह नई ट्रेन मौजूदा वंदे भारत से बिल्कुल अलग होगी, क्योंकि इसमें स्लीपर कोच होंगे। इसमें कुल 24 कोच होंगे, जिनमें एसी फर्स्ट क्लास, टू-टियर और थ्री-टियर स्लीपर बर्थ होंगे। इसमें रात का सफर हवाई जहाज जितना आरामदायक होगा, जिसमें सॉफ्ट लाइट्स, ऑटोमैटिक दरवाजे, बायो-टॉयलेट, सीसीटीवी, एलईडी स्क्रीन और आधुनिक इंटीरियर जैसी सुविधाएँ होंगी। सुरक्षा के लिए इसमें आर्मर सिस्टम, क्रैश-प्रूफ डिज़ाइन और एंटी-क्लाइंबर जैसे फीचर्स भी जोड़े गए हैं।
फर्स्ट एसी कोच में अतिरिक्त सुविधाएँ मिलेंगी। जैसे चेयर कार और एक्जीक्यूटिव क्लास में अंतर होता है, वैसे ही फर्स्ट एसी में अन्य कोचों के मुकाबले ज़्यादा सुविधाएँ होंगी। यात्रियों को फ्लाइट जैसी सुविधाएँ और गर्म पानी से नहाने की सुविधा भी दी जा सकती है। इसके अलावा, इस कोच में अटेंडेंट की संख्या भी अन्य श्रेणियों के मुकाबले ज़्यादा होगी, जो यात्रियों की तुरंत मदद के लिए उपलब्ध रहेंगे।