केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए खुशखबरी का इंतजार अब और तेज हो गया है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2025 तक 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) का गठन करने की रूपरेखा तैयार कर ली है। मंत्रालय स्तर पर इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आयोग की स्थापना के लिए चेयरमैन, सलाहकार और अन्य अधिकारियों सहित 42 पदों को भरने की कवायद चल रही है।
फिटमेंट फैक्टर पर टिकी निगाहें
हर वेतन आयोग की सबसे अहम सिफारिशों में से एक होती है फिटमेंट फैक्टर, जिसके आधार पर तय किया जाता है कि मौजूदा बेसिक पे को नए पे स्ट्रक्चर में कैसे बदला जाएगा। अभी तक इस पर सरकार ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर होता क्या है?
सीधे शब्दों में कहें तो फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक (multiplier) है, जिसके जरिए पुराने वेतन को नए स्ट्रक्चर में बदला जाता है। उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था। यानी अगर किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन ₹15,000 था, तो नए ढांचे के हिसाब से यह ₹15,000 × 2.57 = ₹38,550 हो गया।
8वें वेतन आयोग में संभावित बढ़ोतरी
मान लीजिए, किसी कर्मचारी का वर्तमान बेसिक पे ₹25,000 है। अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो नया बेसिक वेतन ₹25,000 × 2.86 = ₹71,500 होगा। इसका मतलब केवल बेसिक पे में ही ₹46,500 की वृद्धि हो जाएगी। इसके ऊपर डीए, एचआरए और अन्य भत्ते भी जुड़ेंगे, जिससे कुल सैलरी काफी बढ़ जाएगी।
पेंशनरों को भी मिलेगा लाभ
यह बढ़ोतरी सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पेंशनर्स को भी सीधा फायदा मिलेगा। चूंकि पेंशन हमेशा बेसिक पे के आधार पर तय होती है, इसलिए फिटमेंट फैक्टर बढ़ने के बाद उनकी पेंशन में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
7वें और 8वें वेतन आयोग का अंतर
- 7वां वेतन आयोग (7th CPC): फिटमेंट फैक्टर 2.57
- संभावित 8वां वेतन आयोग (8th CPC): फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक
- असर: बेसिक वेतन और पेंशन में लगभग 25% अतिरिक्त बढ़ोतरी संभव
फिलहाल सरकार 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) पर काम कर रही है। इसके फाइनल होने के बाद आयोग औपचारिक रूप से काम शुरू करेगा। उम्मीद है कि अगले साल तक इसकी सिफारिशें सामने आ जाएंगी। वहीं खबरें यह भी हैं कि इस दीवाली तक आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।