रामपुर में निजी वाहनों को ‘जी’ सीरीज के नंबर मुफ्त तोहफे की तरह दिए जा रहे थे। परिवहन विभाग अब निजी वाहनों को सरकारी नंबर देने को लेकर सख्त हो गया है। अब से सभी निजी वाहनों से ‘जी’ सीरीज के नंबर हटा दिए जाएँगे।
सरकारी वाहनों की नीलामी में भी खरीदार को ‘जी’ सीरीज नंबर नहीं मिलेगा। नीलामी के बाद नया नंबर दिया जाएगा। जिन वाहनों के पास पहले से ‘जी’ सीरीज नंबर हैं, उनके मालिकों को इसे बदलने के लिए 60 दिन का समय मिलेगा।
‘G’ संख्या श्रृंखला के लिए नए नियम
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने कहा है कि सभी ‘G’ सीरीज़ नंबर केवल सरकारी वाहनों के लिए हैं। सरकारी वाहन की नीलामी या हस्तांतरण के बाद, जब वह निजी स्वामित्व में चला जाएगा, तो ‘G’ मार्क अमान्य हो जाएगा। इसके बदले एक नया निजी रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा।
यह नियम मोटर वाहन अधिनियम 1988 तथा 1989 एवं 1998 के मोटर वाहन नियमों के अंतर्गत है।
वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए
निजी इस्तेमाल में आने वाले सभी ‘G’ नंबर वाले वाहनों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (ARTO) जाना होगा। उन्हें नया रजिस्ट्रेशन नंबर, नई RC और नई हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवानी होगी। यह प्रक्रिया 60 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी। केवल RC और HSRP को दोबारा प्रिंट कराने का शुल्क लिया जाएगा।
अगर समय रहते ऐसा नहीं किया गया तो आरसी निलंबित की जा सकती है। बीमा और कर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
परिवहन आयुक्त ने कहा कि निजी वाहनों पर ‘जी’ नंबर का इस्तेमाल वर्जित है। मालिकों को 60 दिनों के भीतर नया नंबर बदलना होगा। प्रक्रिया सरल और स्पष्ट है। देरी होने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस परिवर्तन की आवश्यकता क्यों है
- ‘जी’ नंबर केवल सरकारी वाहनों के लिए है। निजी वाहनों पर इसका प्रयोग नियमों के विरुद्ध है।
- ‘G’ एक सरकारी पहचान है। अगर निजी वाहन इसका इस्तेमाल करते हैं, तो टोल और प्रवेश जाँच पर इसका दुरुपयोग हो सकता है।
- नए आरसी और एचएसआरपी नंबर यह सुनिश्चित करते हैं कि चालान और टोल प्रणाली सही ढंग से काम करें।