किसानों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई योजनाएँ चलाती हैं। अब महाराष्ट्र सरकार किसानों के लिए एक अहम कदम उठाने जा रही है। यह कदम मृदा परीक्षण से जुड़ा है।
सरकार स्थानीय स्तर पर मृदा परीक्षण केंद्रों की संख्या बढ़ाएगी। इससे किसान कम समय में अपनी मिट्टी की जाँच करा सकेंगे। इसके लिए सरकार डाकघर के माध्यम से मृदा परीक्षण शुरू कर रही है। किसान अपने नज़दीकी डाकघर की मदद से अपनी मिट्टी के नमूने जाँच केंद्र पर भेज सकते हैं। इसके बाद मृदा परीक्षण की रिपोर्ट उनके घर आ जाएगी।
अगर मृदा परीक्षण केंद्र आपके घर से दूर है, तो आप बिना किसी खर्च के डाकघर के माध्यम से आसानी से मिट्टी का नमूना भेज सकते हैं। किसानों को मृदा परीक्षण रिपोर्ट उनके मोबाइल पर या कॉल के ज़रिए मिल जाएगी।
घर पर मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट
राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने फीनिक्स फाउंडेशन कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में कहा कि सरकार ने डाकघरों के माध्यम से मिट्टी की जाँच शुरू करने का निर्णय लिया है। किसान अब स्थानीय डाकघर के माध्यम से अपनी तहसील के जाँच केंद्र पर मिट्टी के नमूने भेज सकते हैं। मिट्टी की रिपोर्ट सात दिनों के भीतर उनके मोबाइल पर आ जाएगी।
इस रिपोर्ट में मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी – इसमें क्या कमी है, किस प्रकार के उर्वरक का उपयोग किया जाना चाहिए, और उस मिट्टी में कौन सी फसल बेहतर ढंग से उग सकती है।
तहसील स्तर पर कार्य
मृदा परीक्षण का सारा काम तहसील स्तर पर होगा। सरकार पुराने केंद्रों को नई तकनीक से उन्नत करेगी। इससे किसानों को घर बैठे ही मृदा परीक्षण रिपोर्ट जल्दी और बिना किसी परेशानी के मिल जाएगी।