केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें कृषि मशीनरी पर जीएसटी दरों में भारी कटौती का फैसला हुआ। पहले 12% से 18% तक लगने वाली जीएसटी अब सिर्फ 5% हो गई है, जो 22 सितंबर 2025 से लागू होगी। इससे ट्रैक्टर से लेकर हार्वेस्टर तक हर मशीन सस्ती हो जाएगी, और गाँव के किसान भाई-बहन अपनी खेती को आधुनिक बनाने में आसानी महसूस करेंगे।
बैठक में ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TMA), एग्रीकल्चरल मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AMMA), ऑल इंडिया कंबाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (AICMA) और पावर टिलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PTAI) जैसे संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। ये बदलाव किसानों की कमर सीधी करेंगे और खेती को गति देंगे।
बैठक का उद्देश्य, किसानों की लागत कम करना
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कृषि मशीनरी के जीएसटी सुधारों पर विस्तार से चर्चा हुई। संगठनों के प्रतिनिधि व्यक्तिगत और वर्चुअल रूप से जुड़े, और उन्होंने मशीनों की कीमतों पर जीएसटी के बोझ को कम करने की मांग रखी। मंत्री जी ने कहा कि ये कटौती किसानों को सस्ती मशीनरी उपलब्ध कराने का कदम है, ताकि वे रबी सीजन में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर सकें। कई किसान भाई अभी भी पुराने हल चलाते हैं, लेकिन अब ट्रैक्टर, थ्रेशर और सीडर जैसी मशीनें सस्ती होने से खेती आसान हो जाएगी।
जीएसटी कटौती से मशीनों की कीमतों में भारी कमी
कृषि मशीनरी पर जीएसटी अब 5% हो गई है, जो पहले 12-18% थी। इससे ट्रैक्टर, टिलर, थ्रेशर और अन्य उपकरणों की कीमतों में लाखों रुपये की बचत होगी। गाँव के किसान जो कभी मशीनें खरीदने का सपना देखते थे, अब वो हकीकत बन सकता है। 35 एचपी ट्रैक्टर अब 41,000 रुपये सस्ता हो जाएगा, जबकि 75 एचपी का 63,000 रुपये। धान रोपने वाले यंत्र पर 15,400 रुपये की छूट मिलेगी, और हार्वेस्टर कंबाइन कटर बार पर तो 1,87,500 रुपये तक की बचत होगी। ये कमी किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटरों से भी फायदा पहुँचाएगी, जहाँ मशीनों का किराया कम होगा। रबी सीजन में ये सुविधा फसल बोने और कटाई में क्रांति लाएगी।
प्रमुख मशीनों पर बचत का विवरण
जीएसटी कटौती से विभिन्न मशीनों (5% GST on Farm Machinery) की कीमतों में भारी गिरावट आई है। नीचे दी गई तालिका में प्रमुख मशीनों और उन पर होने वाली बचत का विवरण है:
मशीन का नाम | बचत (रुपये में) |
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ट्रैक्टर (35 एचपी) | 41,000 |
ट्रैक्टर (45 एचपी) | 45,000 |
ट्रैक्टर (50 एचपी) | 53,000 |
ट्रैक्टर (75 एचपी) | 63,000 |
4-पंक्ति धान रोपने वाला यंत्र | 15,400 |
4 टन/घंटा बहु-फसल थ्रेशर | 14,000 |
पावर टिलर (13 एचपी) | 11,875 |
पावर वीडर (7.5 एचपी) | 5,495 |
ट्रेलर (5 टन) | 10,500 |
बीज-सह-उर्वरक ड्रिल (11 टाइन) | 3,220 |
बीज-सह-उर्वरक ड्रिल (13 टाइन) | 4,375 |
हार्वेस्टर कंबाइन कटर बार (14 फीट) | 1,87,500 |
स्ट्रॉ रीपर (5 फीट) | 21,875 |
सुपर सीडर (8 फीट) | 16,875 |
हैप्पी सीडर (10 टाइन) | 10,625 |
रोटावेटर (6 फीट) | 7,812 |
बेलर स्क्वायर (6 फीट) | 93,750 |
मल्चर (8 फीट) | 11,562 |
न्यूमेटिक प्लांटर (4-पंक्ति) | 32,812 |
ट्रैक्टर-माउंटेड स्प्रेयर (400 लीटर) | 9,375 |
गाँवों में ये मशीनें खेती को तेज और कम मेहनत वाला बनाएँगी। छोटे किसान भी कस्टम हायरिंग सेंटरों से इनका लाभ ले सकते हैं।
किसानों तक जानकारी पहुँचाने का अभियान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार देशभर के किसानों को इन लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए बड़ा प्रचार अभियान चलाएगी। ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर गाँव-गाँव में शिविर लगाए जाएँगे, जहाँ मशीनों की कीमतों और जीएसटी छूट की जानकारी दी जाएगी। कस्टम हायरिंग सेंटरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मशीनों का किराया कम करें, ताकि छोटे किसान भी इनका फायदा उठा सकें। 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दूसरे चरण में वैज्ञानिक टीमें गाँव पहुँचेंगी और किसानों को ये सुविधाएँ बताएँगी। गाँव के किसान भाई-बहन अब रबी सीजन में ट्रैक्टर, सीडर और स्प्रेयर जैसी मशीनों का ज्यादा इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे फसल की पैदावार बढ़ेगी।
कृषि मशीनरी पर 5% जीएसटी कटौती किसानों के लिए एक बड़ा तोहफा है। इससे ट्रैक्टर से लेकर थ्रेशर तक हर मशीन सस्ती हो जाएगी, और खेती में आधुनिकीकरण तेज होगा। गाँव के किसान भाई-बहन इन लाभों का फायदा उठाएँ और अपने खेतों को मशीनों से सजाएँ। सरकार का प्रचार अभियान और विकसित कृषि संकल्प अभियान से जानकारी हर कोने तक पहुँचेगी। रबी सीजन में बंपर फसल के लिए तैयार हो जाएँ।