Dalhan Tilhan Mandi Prices: देशभर की मंडियों में खरीफ दालों और तिलहनों की नई फसल आने लगी है, लेकिन किसानों को MSP से काफी कम भाव मिल रहे हैं। सितंबर 2025 के पहले 18 दिनों के आंकड़ों से पता चलता है कि औसतन भाव 1,076 से 1,778 रुपये प्रति क्विंटल MSP से नीचे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अक्टूबर मध्य तक आपूर्ति बढ़ने से भाव और गिरे, तो सरकार को खरीद शुरू करनी पड़ सकती है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जहाँ बारिश से फसलें प्रभावित हुईं। कई किसानों ने बताया कि MSP का वादा होने के बावजूद बाजार में व्यापारी कम दाम पर खरीद रहे हैं, जिससे उनकी मेहनत बेकार जा रही है।
दालों के भाव MSP से नीचे
दालों की स्थिति सबसे चिंताजनक है। मूंग का औसत मंडी भाव 7,220 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जबकि 2025-26 के लिए MSP 8,768 रुपये है – यानी 1,548 रुपये का फर्क। उड़द 6,368 रुपये बिकी, MSP 7,800 रुपये के मुकाबले 1,432 रुपये कम। अरहर (तूर) का भाव 6,222 रुपये रहा, जबकि MSP 8,000 रुपये है – 1,778 रुपये का घाटा। ये आंकड़े एगमार्कनेट पोर्टल पर 1-18 सितंबर के हैं। विशेषज्ञ विजय सरदाना ने कहा कि पूरे साल भाव कम रहे, और MSP अंतरराष्ट्रीय बाजार से मेल नहीं खाता। कम बुवाई (तूर, मूंग, मोठ में कमी) और बारिश से नुकसान ने स्थिति बिगाड़ दी। सरकार राष्ट्रीय दाल मिशन शुरू करने की तैयारी में है, लेकिन अभी खरीद नहीं हो रही।
तिलहनों के भाव भी निराशाजनक
तिलहनों की हालत भी वैसी ही है। मूंगफली का औसत भाव 5,682 रुपये प्रति क्विंटल रहा, MSP 7,263 रुपये के मुकाबले 1,581 रुपये कम। सोयाबीन 4,252 रुपये बिकी, MSP 5,328 रुपये से 1,076 रुपये नीचे। ये फसलें आयात पर निर्भरता कम करने के लिए MSP बढ़ाया गया था, लेकिन बाजार में भाव गिरे। राष्ट्रीय तिलहन मिशन चल रहा है, फिर भी व्यापारी सस्ते आयात को प्राथमिकता दे रहे। राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में बारिश ने फसलों को नुकसान पहुँचाया, जिससे उत्पादन घट सकता है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटती बुवाई पर चिंता जताई, लेकिन कहा कि किसान अपनी सुविधा से फसल चुनते हैं।
सरकार पर खरीद की मांग बढ़ी
रबी सम्मेलन में कर्नाटक के कृषि मंत्री ने केंद्र से खरीफ दालों-तिलहनों की तुरंत खरीद शुरू करने की मांग की, क्योंकि नई फसल आ रही है और भाव MSP से नीचे हैं। तेलंगाना के मंत्री ने भी खरीद पर कोई पाबंदी न लगाने की अपील की। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकार को PSS (प्राइस सपोर्ट स्कीम) के तहत खरीद बढ़ानी पड़ सकती है। अभी पहली अग्रिम उत्पादन अनुमान जारी नहीं हुआ, लेकिन तूर, मूंग, सोयाबीन में कमी की आशंका है। आयात पर शून्य शुल्क से व्यापारी विदेशी माल सस्ता ला रहे, जिससे भारतीय किसान प्रभावित हो रहे।