वर्ष 2025 की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस हिसाब से सोने की कीमतों में रफ्तार पकड़ रखी है ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें बेलगाम हो जाएगी। इन दिनों सोने के भाव सवा लाख के करीब पहुंच गए हैं।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सोने के भाव 2 लाख के आंकड़े को टच कर जाएंगे। 200000 रुपए पर तोला सोने की कीमत सुनने में काफी ज्यादा लग रही है। जेफरीज के ग्लोबल हेड आफ इक्विटी स्ट्रेटजी क्रिस वुड ने सोने की कीमतों को लेकर रिपोर्ट जारी की है। जिसमें वुड गोल्ड प्राइस (wood gold price) की उस ऐतिहासिक बुल रन से तुलना कर रहे हैं, जो करीब चार दशक पहले देखने को मिली थी।
आज क्या है सोने के ताजा भाव
आज मंगलवार, 24 सितंबर के दिन सोने की कीमत नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। घरेलू बाजार में 24 कैरेट सोना (Gold Price Today) 1,12,730 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। वहीं, 22 कैरेट गोल्ड का रेट 1,03,350 रुपये प्रति 10 ग्राम है। सोने के गहने में 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल होता है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव (Gold price in the international market) 3,722 डॉलर प्रति औंस है।
सोने के रेटों में 77% इजाफे का अंदाजा
वुड ने 18 सितंबर को जारी की गई एक रिपोर्ट में लिखा कि नवरी 1980 में, जब पिछला साइकल पीक पर था, तो सोने की कीमत (Gold price) अमेरिका की प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम की 9.9% थी। उस समय प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम 8,551 डॉलर थी।
आज सोने की कीमत (gold price today) 3,670 डॉलर प्रति औंस है, जो केवल 5.6% है। वहीं, आज की प्रति व्यक्ति डिस्पोजेबल इनकम 66,100 डॉलर है।
इस हिसाब से सोने की कीमत 6,571 डॉलर तक जानी चाहिए ताकि यह 1980 के स्तर के बराबर हो सके। यानी 6,600 डॉलर का टारगेट सही माना जा सकता है। अगर इस हिसाब से देखें, तो गोल्ड की कीमतों में 77.2% का उछाल आने का अनुमान है।
77% इजाफे पर भारत में इतना होगा रेट
वुड के अनुमान के मुताबिक गोल्ड में 77.2% का इजाफा होता है, तो घरेलू बाजार में सोना (gold in domestic market) 1,99,741 रुपये यानी करीब 2 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। इस साल सोने की कीमत (gold price today) अब तक 39% बढ़ चुकी है, जबकि 2024 में 27% की तेजी आई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 साल में सोने का भाव (Gold rate in the last 6 years) तीन गुना से ज्यादा बढ़ चुका है।
पोर्टफोलियो में सोने की अहमियत
क्रिस वुड काफी वक्त से गोल्ड़ पर बुलिश हैं और पोर्टफोलियो में इसे कोर एलोकेशन मानते हैं। बीतें 23 साल से GREED & fear मॉडल अमेरिकी डॉलर आधारित पेंशन फंड में कम से कम 40% हिस्सेदारी गोल्ड़ में रखता आया है। 2020 के आखिर में बिटकॉइन को जोड़ने के बाद यह हिस्सा 50% से घटाकर 40% किया गया।
गोल्ड टारगेट्स का भी हुआ जिक्र
क्रिस वुड ने पिछले दो दशकों में अपने गोल्ड टारगेट्स (gold targets) का भी जिक्र किया। दिसंबर 2002 में शुरुआती अनुमान 3,400 डॉलर प्रति औंस था, जो 1980 के 850 डॉलर को अमेरिकी पर्सनल इनकम की ग्रोथ के हिसाब से एडजस्ट करके निकाला गया था। इसके बाद अपडेट्स के अनुसार टारगेट 2005 में 3,700 डॉलर, 2016 में 4,200 डॉलर और 2020 में 5,500 डॉलर तक गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व से भी सोने की कीमतों में हुआ बदलाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा 25 बेसिस प्वाइंट रेट कट की पुष्टि के बाद सोने के भाव में थोड़ी कमी आई। इसे ‘सेल ऑन द न्यूज’ रिएक्शन कहा गया। वुड के अनुसार, 50 बेसिस प्वाइंट कट की संभावना का कोई आधार ही नहीं था। अब फोकस इस पर होगा कि अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड्स मौद्रिक ढील की वापसी को कैसे पचाते हैं।
क्यो हो रहा सोने की कीमतों में इजाफा?
त्योहार-शादी सीजन में मांग बढ़ी है तथा रुपये की गिरावट ने सोने का आयात महंगा (increase in gold prices) कर दिया है, जिससे कीमतें सातवें आसमान को टच करती जा रही है।
एस्पेक्ट ग्लोबल वेंचर्स के CEO का कहना है कि निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश (safe investment of gold) मान रहे हैं और इस पर बड़ा दांव लगा रहे हैं।
डॉलर यूरो के मुकाबले दो महीने से निचले स्तर पर है और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4% के करीब है, जिससे सोने को सपोर्ट मिल रहा है।
फेडरल रिजर्व (federal Reserve) ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की है। आगे भी कटौती का अंदाजा है। इससे गोल्ड को सहारा मिला है।