Haryana News : देश भर के किसान बीते दिनों से काफी तेजी से उन्नति कर रहे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं हरियाणा के एक किसान के बारे में जिसने कमाल कर दिया है। हरियाणा के इस किसान का गेहूं विदेश में जाता है। चलिए जानते हैं इस किसान की गेहूं किस कीमत में जाती हैं।
हरियाणा के कई किसान ऐसे हैं जिनके चर्चे विदेशों तक फैले हुए हैं। आज हम आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं हरियाणा के हिसार जिले में बसे एक किसान के बारे में जिसकी गेहूं विदेश में भी जाती है। हम आपको बताने जा रहे हिसार (Hisar News) जिले के नारनौंद (Narnaund) के गावं कोधकालां के 65 वर्षीय किसान राजपाल सिंह श्योराण जो की प्राकृतिक खेती की मिसाल बन गए है।
राजपाल सिंह श्योराण (Rajpal Singh Sheoran) ने 14 साल पहले 4 एकड़ में रसायन मुक्त खेती की शुरुआत (Introduction of chemical-free farming) की थी। राजपाल सिंह श्योराण का कहना है कि यह प्रेरणा उन्हें राजीव दीक्षित के यूट्यूब वीडियो से मिली थी।
आज उनकी उगाई गेहूं अमेरिका, इंग्लैंड, मोरक्को, भूटान और श्रीलंका तक पहुंच रही है और 8,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। खास बात यह है कि उनकी फसल की बुकिंग 2 महीने पहले ही हो जाती है और अनाज सीधे खेत से ग्राहकों तक पहुंचता है।
राजपाल सिंह श्योराण गेहूं ही नहीं बल्कि ज्वार, चना, मेथी, मूंग और बाजरा जैसी फसलें भी प्राकृतिक तरीके से उगते हैं। रसायनों के इस्तेमाल से पूरी तरह परहेज करते हैं। हालांकि पैदावार सामान्य खेती की तुलना (Crops Price listy) में आधी है, लेकिन इनकी फसल की डिमांड इतनी ज्यादा है कि सालभर में करीब 10 लाख रूपये तक की बचत आ जाती है।
फसलों के साथ ही राजपाल सिंह श्योराण गाय-भैंस के दूध से घी, बाजरे के बिस्किट, सरसों-तिल का तेल और शहद बनाकर बेचते हैं। हरियाणा के इस किसान का कहना है कि हमने खेती से रसायन पूरी तरह खत्म कर दिए हैं। अब हमारी फसल सुरक्षित और पोषक है, इसी वजह से ग्राहक पहले से बुकिंग कराते हैं और इसी कारण से राजपाल सिंह श्योराण द्वारा उगाई गई फसलें विदेशों में जाती है।