UP Employees : उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों लिए बड़ी खबर सामने आई है जिसके माध्यम से पता चला है कि अब इतने दिन बाद कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा। इन दोनों कर्मचारी आठवें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चलिए जानते हैं अब कर्मचारियों को कितने दिन का और करना पड़ेगा इंतजार।
जनवरी 2025 की शुरुआत में मोदी सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को लेकर ऐलान किया गया था। लेकिन अब अक्टूबर महीने की शुरुआत हो चुकी है तथा अभी तक आयोग की आधिकारिक अधिसूचना, (ToR) टर्म्स ऑफ रेफरेंस और सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार हो रहा है।
इस वजह से कर्मचारियों और यूनियनों के बीच कई तरह के सवाल पैदा हो रहे है। सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों (Recommendations of the Eighth Pay Commission) को लागू करने के लिए 2028 तक इंतजार करना पड़ेगा?
पिछले अनुभव बताते हैं कि किसी भी वेतन आयोग को गठन से लेकर लागू होने तक 2 से 3 साल लगते हैं। अगर उसी पैटर्न को दोहराया जाएं तो 2028 तक इंतजार करना पड़ सकता है। इसे समझने के लिए आइए 6वें और 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की टाइमलाइन देखते हैं।
6th Pay Commission
छठें वेतन आयोग (sixth pay commission) अक्टूबर 2006 में गठित हुआ था। इसने मार्च 2008 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। अगस्त 2008 में सरकार ने रिपोर्ट को मंजूरी दी और इसे 1 जनवरी 2006 से लागू किया। यानी गठन से लेकर लागू होने में लगभग 2224 महीने लगे।
7th Pay Commission
सातवें वेतन आयोग फरवरी 2014 में बना और मार्च 2014 में इसके ToR तय हुए। आयोग ने नवंबर 2015 में रिपोर्ट सौंपी। जून 2016 में सरकार ने इसे मंजूरी दी और 1 जनवरी 2016 से लागू कर दिया। यानी गठन से लागू होने तक लगभग 33 महीने (2 साल 9 महीने) लगे। साफ है कि दोनों आयोगों को औसतन 23 साल लगे।
8वें वेतन आयोग की मौजूदा स्थिति के बारे में बात की जाएं तो….
जनवरी 2025 की शुरुआत में इसका हो गया था, लेकिन अब अक्टूबर महीने की शुरुआत हो चुकी है तथा अब तक ToR और सदस्यों की लिस्ट जारी नहीं हुई है यानी असली प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई। अगर आने वाले महीनों में आयोग गठित होता है और रिपोर्ट तैयार करने में 2 साल लगते हैं, तो यह रिपोर्ट 2027 तक तैयार होगी।
इसके बाद सरकार को रिपोर्ट पर विचार, संशोधन और मंजूरी देने में समय लगेगा। ऐसे में 2028 तक लागू होना पूरी तरह संभव है। हालांकि, इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू मानी जाएंगी और कर्मचारियों व पेंशनभोगियों को बकाया मिलेगा।
क्यों जरूरी है यह आयोग ?
सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन आयोग (Pay Commission for Government Employees) सिर्फ सैलरी बढ़ाने तक सीमित नहीं है। यह भत्तों, पेंशन और भविष्य की वित्तीय सुरक्षा पर भी असर डालता है।
खासकर महंगाई के इस दौर में कर्मचारी (Eighth Pay Commission News) चाहते हैं कि आयोग जल्द काम शुरू करे ताकि बढ़ती कीमतों का बोझ कम हो सके। पेंशनभोगियों के लिए भी आयोग की सिफारिशें अहम हैं क्योंकि इनका सीधा असर उनकी पेंशन और महंगाई भत्ते (DA) पर पड़ता है।
विशेषज्ञों का इस पर क्या कहना?
आठवें वेतन आयोग पर जानकारों का मानना है कि अगर सातवें वेतन आयोग (seventh pay commission) के पैटर्न को दोहराया गया तो आठवें आयोग की रिपोर्ट (Eighth Pay Commission Report) और उसकी मंजूरी में समय लगेगा। मौजूदा देरी को देखते हुए संभावना ज्यादा है कि यह 2028 तक ही खिंचेगा।
इस बीच, 1.2 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी बेसब्री से ToR और आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। इतिहास गवाह है कि 6वें और 7वें आयोग को लागू करने में लंबा समय लगा था।
इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि आठवा वेतन आयोग भी शायद 2028 से पहले लागू न हो पाए।