private employees : आज के समय में प्राइवेट कर्मचारियों की संख्या की कमी नहीं है। अगर आप प्राइवेट एम्प्लॉयी है और आपकी भी सैलरी से आपका पीएफ कटता है तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, आपके लिए अच्छी खबर यह है कि अब 11 साल बाद EPFO की ओर से प्राइवेट एम्प्लॉयी की पेंशन (private employee pension) में बढ़ौतरी का फैसला लिया जा सकता है।
अब कुछ ही दिनों में दिवाली का त्योहार आने वाला है और दिवाली से पहले ही प्राइवेट कर्मचारियों को भी पेंशन बढ़ौतरी की बड़ी सौगात दी जा सकती है। अब बीते कुछ समय से प्राइवेट कर्मचारी पेंशन (private employee pension) बढ़ौतरी की मांग कर रहे हैं। अगर इस बैठक में बढ़ौतरी होती है तो 11 साल बाद लाखों पेंशनर्स को राहत मिल सकती है।
कितनी बढ़ेगी कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन
जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO Pension) की सर्वोच्च नीति-निर्माण इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक अब आयोजित की जाने वाली है। ये बैठक 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होने जा रही है। इस बैठक में कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के प्रस्ताव पर बात की जा सकती है। अभी यह फिलहाल 1,000 रुपये हैं। जानकारी के अनुसार इसे बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने पर बातचीत की जा सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह 11 साल बाद पहली बार पेंशन दर में बदलाव साबित होगा।
जानिए क्या है EPS-95
अब बात करते हैं कि EPS-95 क्या है तो बता दें कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employees’ Pension Scheme 1995) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को तय पेंशन दी जाती है। इस योजना के तहत नियोक्ता (employer) कर्मचारी की सैलरी का 8.33 प्रतिशत फंड में जमा करता है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से इसमे 1.16 प्रतिशत का योगदान दिया जाता है। यह योगदान 15,000 रुपये की अधिकतम सैलरी पर कैप किया गया है।
हर महीने दी जाती है इतनी पेंशन
बता दें कि जैसे की अगर किसी कर्मचारी के फंड (employee funds) में पर्याप्त राशि नहीं है, तो भी EPS-95 के तहत सरकार की हेल्प से कम से कम 1,000 रुपये पेंशन हर महीने दी जाती है, लेकिन अब इतने समय बाद यह फंड एक्चुरियल घाटे (actuarial deficit) का सामना कर रहा है, यानी एक तरह से यूं कहले की फंड में जितना पेंशन देने का वादा किया गया है, उतना पैसा नहीं है ।
EPS-95 के तहत 58 साल या उससे अधिक उम्र और कम से कम 10 साल की लगातार नौकरी वाले कर्मचारी नियमित पेंशन पाने के पात्र होते हैं।
क्यों कर रहे कर्मचारी पेंशन बढ़ाने की मांग
बता दें कि ट्रेड यूनियन और पेंशनर्स लंबे समय से पेंशन बढ़ाने को लेकर डिमांड कर रहे हैं। उनका कहना है कि आज के इस महंगाई के समय में 1,000 रुपये की पेंशन (employee pension) से बुनियादी जरूरतें भी अधुरी रह जाती है। रिटायर कर्मचारी और संगठन का कहना है किइ जिन्होंने सालों तक काम करके इस फंड में अपना योगदान दिया है, उन्हें इस महंगाई में इतनी कम पेंशन देना अनुचित और अपमानजनक ही है।
यूनियनों की ओर से 7,500 रुपये की न्यूनतम पेंशन (Private Employees minimum pension) की मांग की जा रही हैं। लेकिन, मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे 2,500 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
क्लेम प्रोसेस को बनाया डिजिटल
ये बैठक 7 महीने बाद हो रही है और सात महीने बाद हो रही इस बैठक में EPFO 3.0 पर भी बात चीत हो सकती है। बता दें कि यह एक डिजिटल अपग्रेड प्रोजेक्ट (digital upgrade project) है, इस प्रोजेक्ट में EPF ट्रांजैक्शन और क्लेम प्रोसेस को पूरी तरह डिजिटल बना दिया गया है। इससे कर्मचारियों को पैसों की जरूरत पड़ने पर फंड निकालना और क्लेम करने का प्रोसेस बेहद आसान हो जाएगा।
EPFO 3.0 के तहत होंगे ये सुधार
EPFO 3.0 के तहत 11 साल बाद कई सुधार किए जाने वाले हैं। इन सुधारो में कई चीजें शामिल है। जैसे की एटीएम और यूपीआई से PF निकासी की सुविधा (PF withdrawal facility) और ऑटो-क्लेम सेटलमेंट यानी तुरंत दावा निपटान, डिजिटल सेवाओं के जरिए पेपरलेस प्रोसेस OTP-बेस्ड वेरिफिकेशन सिस्टम, मृत्यु से जुड़े दावों की आसान प्रक्रिया, डेटा अपडेट और करेक्शन सिस्टम (correction system) को सरल बनाना आदि सुधार किए गए हैं। सब मिलाकर देखें तो इस अक्टूबर की बैठक से कर्मचारियों और पेंशनर्स को डिजिटल सुविधा, तेज सेवा और बढ़ी हुई पेंशन के रूप में बड़ी सौगात मिल सकती है।