DA – केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। दरअसल आपको बता दें कि सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। यह घोषणा राज्य के वित्त विभाग द्वारा की गई है… इससे जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-
सिक्किम सरकार ने मंगलवार को अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में छह प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की। वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार, यह वृद्धि उन कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (pensioners) को मिलेगी जो पूर्व-संशोधित मूल वेतन संरचना में वेतन पा रहे हैं। इस बढ़ोतरी के बाद, उनका कुल डीए और डीआर बढ़कर 252 प्रतिशत हो जाएगा। यह घोषणा राज्य के वित्त विभाग द्वारा की गई है।
इन कर्मचारियों को 55 प्रतिशत डीए-
अधिसूचना में कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग (7th pay commission news) के तहत आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को अतिरिक्त दो प्रतिशत डीए और डीआर मिलेगा। इसके साथ, उनका डीए और डीआर बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा। यह बढ़ोतरी एक जनवरी, 2025 से प्रभावी होगी। अधिसूचना में कहा गया है कि अनुबंध के आधार पर नियुक्त और नियमित वेतनमान में संशोधित वेतन पाने वाले कार्य-प्रभारित प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
राजस्थान और बिहार सरकार का तोहफा-
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Rajasthan Chief Minister Bhajanlal Sharma) ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (DA) में तीन प्रतिशत की वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से लागू होगी, जिससे डीए 55% से बढ़कर 58% हो जाएगा। इस निर्णय से लगभग 8 लाख कर्मचारी और 4.40 लाख पेंशनर्स (Penioners) को लाभ मिलेगा, जिसमें पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसी तरह, बिहार सरकार ने भी महंगाई भत्ते को 55% से बढ़ाकर 58% कर दिया है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी हुआ है ऐलान-
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार के 49.19 लाख कर्मचारियों और 68.72 लाख पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में तीन प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है। यह वृद्धि 1 जुलाई, 2025 से प्रभावी होगी।
इस वृद्धि के बाद, DA और DR अब मूल वेतन/पेंशन का 58 प्रतिशत हो जाएगा (पहले यह 55 प्रतिशत था)। इस फैसले से राजकोष पर सालाना 10,083.96 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय बोझ पड़ेगा।