CGHS : बीते दिनों केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों को दो बड़े तोहफे दिए हैं। पहले महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की गई। इसके बाद, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) में बदलाव करते हुए करीब 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं की पैकेज दरों को संशोधित किया गया है… जिसके चलते अब कर्मचारियों को इस तरह लाभ मिलेगा-
बीते दिनों केंद्रीय सरकार ने कर्मचारियों को दो बड़े तोहफे दिए हैं। पहले महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की गई। इसके बाद, केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) में बदलाव करते हुए करीब 2,000 चिकित्सा प्रक्रियाओं की पैकेज दरों को संशोधित किया गया है। यह फैसला 13 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। इस पहल से लाखों केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनधारी लाभान्वित होंगे, जिन्हें अब इलाज के लिए अपनी जेब से ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे।
क्या थी शिकायत?
कई सालों से, कर्मचारी और पेंशनभोगी (pensioners) शिकायत कर रहे थे कि CGHS-मान्यता प्राप्त अस्पताल कैशलेस इलाज देने से मना कर रहे थे। मरीजों को पहले अपनी जेब से भुगतान करना पड़ता था और फिर रिइम्बर्समेंट (Reimbursement) के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था।
अस्पतालों का तर्क था कि सरकार द्वारा तय की गई दरें काफी पुरानी और कम हैं, साथ ही समय पर भुगतान भी नहीं मिलता था। इन कारणों से, वे CGHS कार्डधारकों को कैशलेस सेवाएं देने से हिचकते थे।
अब सरकार द्वारा किए गए नए सुधारों के तहत, अस्पतालों और शहरों की श्रेणी के आधार पर नई दरें तय की गई हैं। टियर-II शहरों में दरें बेस रेट से 19% कम होंगी तो टियर-III शहरों के लिए दरें 20% कम तय की गई हैं। NABH से मान्यता प्राप्त अस्पतालों को बेस रेट पर भुगतान किया जाएगा। गैर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम दरें मिलेंगी जबकि 200 से अधिक बेड वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों (Super Specialty Hospitals) को 15% अधिक दरें दी जाएंगी।
क्या है संशोधन का मकसद?
CGHS संशोधनों का लक्ष्य अस्पतालों को बेहतर दरें प्रदान करना है ताकि वे CGHS लाभार्थियों को सहजता से कैशलेस सुविधा दे सकें। इससे मरीजों को अग्रिम भुगतान और जटिल रिइम्बर्समेंट प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी। वर्तमान में, यह सुविधा देश के लगभग 80 शहरों में उपलब्ध है, जिससे 46 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी (central employees), पेंशनर्स (pensioners) और उनके परिवार के सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। यह कदम सुविधा और राहत सुनिश्चित करता है।