कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने PF खाते से 100% रकम निकालने की मंजूरी दे दी है। अब पूरी निकासी प्रक्रिया पहले से अधिक सरल, तेज और पारदर्शी होगी। नई दिल्ली में हुई EPFO की 238वीं सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसकी अध्यक्षता श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने की।
अब PF अकाउंट से निकाल सकेंगे पूरा योगदान
नए नियम के तहत अब कर्मचारी अपने PF अकाउंट से कर्मचारी और नियोक्ता—दोनों का पूरा अंशदान निकाल सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल रिटायरमेंट या लंबे समय की बेरोजगारी की स्थिति में ही मिलती थी। इस फैसले को कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो उनकी वित्तीय स्वतंत्रता को और मजबूत करेगा।
आसान हुए आंशिक निकासी के नियम
अब तक PF से आंशिक निकासी के लिए 13 जटिल नियम थे, जिन्हें घटाकर 3 सरल श्रेणियों में बांटा गया है—
- जरूरी जरूरतें (जैसे शिक्षा, शादी, बीमारी)
- आवास संबंधी खर्चे
- विशेष परिस्थितियां
इसके अलावा, शिक्षा के लिए अब 10 बार और शादी के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति होगी, जबकि पहले यह सीमा 3 बार तक थी। न्यूनतम सेवा अवधि भी घटाकर 12 महीने कर दी गई है। विशेष परिस्थितियों में अब निकासी का कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे क्लेम रिजेक्शन की समस्या खत्म हो जाएगी।
खाते में 25% बैलेंस रहेगा सुरक्षित
EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को अपने PF खाते में कम से कम 25% राशि मिनिमम बैलेंस के रूप में बनाए रखनी होगी। ऐसा करने से उन्हें 8.25% वार्षिक ब्याज और कंपाउंडिंग का लाभ मिलता रहेगा, जिससे उनका भविष्य का रिटायरमेंट फंड और मजबूत बनेगा।
ऑटो-सेटलमेंट और पेपरलेस प्रक्रिया
EPFO अब 100% ऑटो-सेटलमेंट सिस्टम लागू करने जा रहा है। इसका मतलब है कि निकासी के लिए किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी तरह पेपरलेस प्रक्रिया होगी, जिससे क्लेम तेजी से और बिना देरी के निपटाए जा सकेंगे। साथ ही, फाइनल PF निकासी की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने, जबकि पेंशन निकासी की अवधि 36 महीने कर दी गई है।
कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा
EPFO का यह कदम कर्मचारियों के जीवन को सरल बनाने के साथ-साथ उन्हें वित्तीय रूप से अधिक लचीला बनाएगा। अब सदस्य अपनी जरूरतों के अनुसार रकम निकाल सकेंगे — बिना किसी लंबी प्रक्रिया या दस्तावेजी झंझट के। यह सुधार न केवल कार्यस्थल पर विश्वास बढ़ाएगा बल्कि लाखों कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत भी लेकर आएगा।