भारत में शराब का सेवन और इसकी खरीदारी राज्यों के नियमों के अनुसार संचालित होती है। प्रत्येक राज्य ने अपने यहां शराब रखने की सीमा तय की है। जो व्यक्तिगत उपभोग और सुरक्षा के मद्देनजर उचित समझी जाती है। इस आलेख में हम कुछ प्रमुख राज्यों के नियमों को समझेंगे।
भारत में शराब रखने की सीमा राज्य के नियमों पर आधारित होती है और यह अधिकतर स्थानीय संस्कृति और सामाजिक मान्यताओं को प्रतिबिंबित करती है। यह जानना आवश्यक है कि आपके राज्य में शराब रखने की क्या सीमाएं हैं ताकि कानून का पालन किया जा सके और समस्याओं से बचा जा सके।
राज्यवार शराब रखने की सीमा
भारत में कुछ राज्यों ने घर में शराब रखने की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम बनाए हैं। इसमें उत्तर प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। जहां विदेशी मादक पेय (आयातित और भारत में निर्मित दोनों) के लिए कानूनी सीमा केवल 1.5 लीटर है। वहीं वाइन के लिए 2 लीटर और बीयर के लिए 6 लीटर तक की सीमा निर्धारित की गई है।
दिल्ली और पंजाब में शराब रखने की नीतियाँ
दिल्ली में घर पर शराब रखने की सीमा काफी उदार है। यहां पर व्यक्ति 18 लीटर तक शराब रख सकते हैं और विशेष रूप से रम, व्हिस्की, वोदका के लिए 9 लीटर तक की अनुमति है। इसके अलावा अगर कोई दिल्ली से बाहर शराब ले जाना चाहता है, तो वह केवल एक लीटर तक ही ले जा सकता है। पंजाब में भी छूट है जहां व्यक्ति भारतीय विदेशी शराब की दो बोतलें, बीयर का एक केस और घरेलू शराब की दो बोतलें रख सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश में शराब रखने की सीमा
हिमाचल प्रदेश में शराब रखने की सीमा अपेक्षाकृत अधिक है। यहाँ व्यक्तिगत उपयोग के लिए 48 बीयर की बोतलें और 36 बोतल व्हिस्की रखने की अनुमति है, जो कि पर्यटन को बढ़ावा देने वाले इस प्रदेश के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
कुछ राज्यों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध
इन सब के विपरीत बिहार और गुजरात जैसे कुछ राज्यों में शराब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है। यहाँ के निवासी घर में शराब रखने की छूट से वंचित हैं। जिसे स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए उठाया गया कदम माना जाता है।