Diwali Pujan Muhurat 2025:
दिवाली का शुभ मुहूर्त वैदिक ज्योतिष और कर्मफल सिद्धांत दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली माना गया है। ‘मुहूर्त’ का अर्थ होता है वह विशिष्ट समय जब ग्रहों, नक्षत्रों, तिथि और लग्न का संयोजन शुभ फल देने वाला होता है। इसी कारण दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन हमेशा शुभ समय में करने की परंपरा है ताकि पूजा का पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
दिवाली का आध्यात्मिक महत्व:
दिवाली केवल दीप जलाने या उत्सव मनाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मिक प्रकाश, आध्यात्मिक जागरण और अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक है। शास्त्रों में इसे “तमसो मा ज्योतिर्गमय” — अर्थात अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाला पर्व कहा गया है। इस दिन अमावस्या तिथि रहती है, जो सामान्यतः अंधकार का प्रतीक है, लेकिन दीपावली की रात जब घर-घर दीपक जलते हैं और मां लक्ष्मी-भगवान गणेश का पूजन शुभ मुहूर्त में किया जाता है, तो वह अंधकार भी प्रकाश में परिवर्तित हो जाता है।
दिवाली 2025 की तिथि और पूजा का समय:
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि इस वर्ष 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3:45 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 5:55 बजे तक रहेगी। चूंकि प्रदोष और निशीथ काल 20 अक्टूबर को ही रहेगा, इसलिए इसी दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा।
🔸 लक्ष्मी-गणेश पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त:
शाम 5:46 बजे से 8:18 बजे तक
इस दौरान लगभग 1 घंटे 11 मिनट का समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना गया है।
🔹 अन्य विशेष मुहूर्त:
- वृषभ काल: शाम 7:08 बजे से रात 9:03 बजे तक
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:44 बजे से 5:34 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:43 बजे से 12:28 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 बजे से 2:45 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:46 बजे से 6:12 बजे तक
- निशिता मुहूर्त: रात 11:46 बजे से 12:31 बजे तक
- राहुकाल: सुबह 7:50 बजे से 9:15 बजे तक
शुभ चौघड़िया मुहूर्त (दिन में):
- अमृत (सर्वोत्तम): सुबह 6:25 बजे से 7:50 बजे तक
- शुभ (उत्तम): सुबह 9:15 बजे से 10:40 बजे तक
- लाभ (उन्नति): दोपहर 2:56 बजे से 4:21 बजे तक
- अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): दोपहर 3:44 बजे से 5:46 बजे तक
- सायाह्न मुहूर्त (चर): शाम 5:46 बजे से 7:21 बजे तक
- अमृत (सर्वोत्तम): शाम 4:21 बजे से 5:46 बजे तक
रात्रिकालीन शुभ चौघड़िया:
- लाभ (उन्नति): रात 10:31 बजे से अगले दिन 12:06 बजे तक
इस प्रकार, 20 अक्टूबर 2025 को दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए सबसे शुभ समय शाम के प्रदोषकाल में रहेगा। इस अवधि में की गई पूजा से घर में समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		