Gold price : सोने की कीमतों में साल की शुरुआत से ही रिकॉर्डतोड़ तेजी देखने को मिल रही है। अब सोने की कीमत (Sone ki kemat) नए शिखर पर जा पहुंची हैं। सोने के रेट इतने ज्यादा बढ़ गए है कि आम आदमी के लिए एक तोला सोना खरीदना मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में लोग सोने की खरीदी करने के प्लान को केंसिल कर रहे हैं।
सोने की कीमतों में साल दर साल बढ़ौतरी देखने को मिल जाती है। ऐसे में लोगों के लिए सोने की ज्वेलरी खरीदना मुश्किल हो रहा है। लोग ज्यादा रिटर्न पाने के लिए सोने की गहनों की खरीदी (Gold Price latest Update) करने की बजाय और कई तरीको की ओर रूख कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
लगातार आ रहा है कीमतों में उछाल
बीते कुछ सालों में सोना महंगा होने की वजह से इसकी मांग पर प्रभाव देखा जा रहा है। इसके बावजूद भारतीयों का प्यार कायम रहा है। दीवाली से ठीक पहले भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi Gold Price) के लाजपत नगर इलाके की ज्वेलरी मार्केट में भारी भीड़ देखी जा रही है। सोने की कीमतों में हाल के दिनों में बढ़ौतरी दर्ज की जा रही है। प्रति 10 ग्राम सोना 1,440 डॉलर रुपये के पार जा पहुंचा है। इस वजह से दुनिया के दूसरे सबसे बड़े सोना (Gold rate) बाजार भारत में, सोने की मांग में कमी देखी गई है।
दीवाली और धनतेरस पर सोने की खरीदी
हर साल लाखों भारतीय दीवाली और धनतेरस पर सिक्के, बिस्कुट और ज्वेलरी के रूप में सोने की खरीदी करते हैं। लोगों का मानना है कि इसकी वजह से घर में समृद्धि आती है। इस साल तेजी से बढ़ती सोने (Gold Price Hike) और चांदी की कीमतों ने खरीदारों में एक तरह का डर बना दिया गया है। लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और भी तेजी दर्ज की जा सकती है।
सोने चांदी की कीमत में आया इतना उछाल
हालांकि जब सोना 60 प्रतिशत तक और चांदी 70 प्रतिशत तक महंगा हो गया है, तो ज्वेलर्स को भी ग्राहकों के सीमित बजट के हिसाब से अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। गोल्ड की कीमतें (Gold Rate in Future) बढ़ने की वजह से लोगों ने सोने खरीदने का प्लान कैंसिल कर दिया है लेकिन अब ज्वेलर हल्के सोने के गहनें बना रहे हैं, जिसकी ओर खरीदार आकृषित हो रहे हैं और एक बार फिर से ज्वेलरी की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ नजर आने लगी है।
निवेश के तौर पर कर रहे हैं खरीदी
इस साल मार्केट में एक और ट्रेंड साफतौर पर देखा जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग सिर्फ ज्वेलरी के तौर पर नहीं बल्कि निवेश के लिए भी सोने-चांदी की खरीदी (Gold Silver Buying tips) कर रहे हैं। यह रुझान बुलियन मार्केट के आंकड़ों में भी दिखाई दे रहा है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारत में कुल सोने की डिमांड में ज्वेलरी की हिस्सेदारी घटती नजर आ रही है। हालांकि निवेश का हिस्सा बढ़ रहा है।
2023 की दूसरी तिमाही में सोने का भाव
2023 की दूसरी तिमाही में कुल सोने की खरीदी में ज्वेलरी का हिस्सा 80 प्रतिशत तक का रहा था, जोकि इस साल की दूसरी तिमाही में घटकर 64 फीसदी तक रह गया है। इसके अलावा निवेश (Gold Investment) के तौर पर इसकी मांग इस दौरान 19 प्रतिशत से बढ़कर 35 प्रतिशत तक हो गई है। ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश बढ़ता चला जा रहा है। इस साल सितंबर में अब तक का सबसे ज्यादा निवेश (Gold Investment Tips) दर्ज किया जा रहा है। ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियों के तहत ईटीएफ निवेश में इस साल 70 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
आरबीआई ने निभाई अहम भूमिका
सोने की कीमतों पर सिर्फ खुदरा बाजार का ही नहीं बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक का भी एक बड़ा हाथ रहा है। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक, 2025 में आरबीआई के विदेशी (Gold Price latest Update) मुद्रा भंडार में सोना 9 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत तक हो गया है। ब्रोकरेज हाउस कोटक सिक्योरिटीज में कमोडिटी मामलों की विशेषज्ञ ने बताया है कि पिछले तीन सालों से आरबीआई सोने की वैश्विक मांग का एक अहम स्तंभ बनकर सामने आ रहा है।
एक्सपर्ट्स ने दी जानकारी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपने विदेशी मुद्रा भंडार को डायवर्सिफाई करने, डॉलर पर निर्भरता घटाने और भू-राजनीतिक तनाव के दौर में आर्थिक स्थिरता लाने के लिए आरबीआई लगातार सोने(Sone Ki kematt) के स्टॉक में बढ़ौतरी कर रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि रिकॉर्ड कीमतों के बावजूद आने वाले सप्ताह में त्योहारों और शादी के सीजन की वजह से सोना और चांदी की खुदरा मांग बरकरार रहने वाली है।
ब्याज दरों में हुई कटौती
सोने की बढ़ती कीमतों से दरअसल भारतीय परिवारों की संपत्ति में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसके साथ ही उनका ये भी मानना है कि मॉनिटरी पॉलिसी में राहत देते हुए ब्याज दरों में कटौती (gold Price Hike) करने के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स कम किए जाने की वजह से लोगों की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है। त्योहारों के मौसम की शुरुआत के लिए यह बुरा संकेत नहीं रहने वाला है। रिकॉर्ड कीमतों ने सोने (Sone ka rate) की चमक जरूर थोड़ी फीकी कर दी है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		