Expressway in UP :यूपी में हर दिन नए एक्सप्रेसवे की सौगात दी जा रही है। अब इसी बीच प्रदेश में एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक एक्सप्रेसवे (Expressway in UP ) का नए सिरे से सर्वे निर्धारण करने की तैयारी चल रही है और इसके लिए प्रशासन से भू राजस्व अभिलेख मांग लिए गए हैं। आइए खबर में जानते हैं इस एक्सप्रेसवे के बारे में।
यूपी को जल्द ही एक नया एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है। प्रशासन की ओर से प्रदेश का ये प्रोजेक्ट प्रदेश के कई जिलों को आपस में कनेक्ट करेगा। यूपी के इस एकसप्रेसवे का फायदा कई जिलों के लोगों को मिलने वाला है। ग्रीन कॉरिडोर (New 6-Lane Expressway) मॉडल पर बनने वाले इस एक्सप्रेस वे से यात्रा समय और लागत में कमी आएगी। यूपी में इस एक्सप्रेसवे के लिए सिरे से सर्वे निर्धारण करने की तैयारी की जा रही है।
शुरू हुआ 22 जिलों का एलाइनमेंट सर्वेक्षण
गोरखपुर-शामली-पानीपत एक्सप्रेस-वे  (Gorakhpur-Shamli-Panipat Expressway) को बनाने के लिए हो रहा तीसरा सर्वे भी कंप्लिट होने को है। अब 22 जिलों का एलाइनमेंट सर्वेक्षण अपने आखिरी चरण पर काम चल रहा है। इन सर्वे की अलग-अलग डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (detail project report) तैयार की जाने वाली है। इस रिपोर्ट से पता चलेगी कि कितने पुल, ओवरब्रिज और फ्लाईओवर होने की जरूरत भी फिल हो रही है और फिर इनमें से एक को फाइनल रूप दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस काम को कंप्लिट होने में तीन महीने के आसपास का समय लग सकता है।
इतने चरणों में पूरा होगा एक्सप्रेसवे का काम
प्रशासन की ओर से एक्सप्रेस-वे का निर्माण (construction of up expressway) दो चरण में पूरा किया जाने वाला है।  इसके पहले चरण में पानीपत-शामली से पुवायां तक तकरीबन 450 KM और दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर के बीच करीब 300 KM दूरी में बनाया जाने वाला है।  इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से यूपी का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा सीधे कनेक्ट हो सकेगा और इसके निर्माण से सात से आठ घंटे में गोरखपुर से शामली तक पहुंच जा सकेगा।
नए सिरे से शुरू होगी निर्धारण की प्रक्रिया
बता दें कि पहले हुए दो सर्वे में गोरखपुर से बस्ती, गोंडा, सीतापुर रूट निर्धारित किया गया था हालांकि अब नए सिरे से इसका निर्धारण करने की तैयारी शुरू की जा रही है।  अब इस एक्सप्रेस-वे के नेपाल की सीमा से सटे जिलों से होकर लखनऊ, सीतापुर, बरेली और मेरठ होते हुए शामली तक जाने की संभावना है। NHAI आई के अधिकारियों का कहना है कि एलाइनमेंट सर्वेक्षण का काम (Alignment survey work) बस पूरा होने को है और इसके बाद DPR तैयार कर शासन को भेजी जाएगी।
कौन कर रहा एक्सप्रेसवे का सर्वे
वैसे तो पहले गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस के सर्वे (Survey of Gorakhpur-Panipat Express) की जिम्मेदारी एनएचएआई, रायबरेली को सौपीं गई थी। हालांकि अब इस परियोजना के निर्माण का कार्य अयोध्या को मिल गया है। गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur-Panipat Expressway)  का निर्माण पहले शामली तक किया जाने वाला था हालांकि बाद में इसे पानीपत तक विस्तार किया जाने का प्लान बन गया है। नए सिरे से एलाइनमेंट सर्वेक्षण के पूरा होते ही रूट का तय किया जाना है। 
एलाइनमेंट सर्वे का शुरू हुआ काम
दरअसल, आपको बता दें कि गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur-Panipat Expressway) को बनाने के लिए  गोरखपुर में भी alignment survey किया जाएगा और इसके लिए कुल 50 गांवों से होकर सड़क गुजर सकती है।  इसके लिए एनएचएआई ने जिला प्रशासन से भू-राजस्व अभिलेख की डिमांड  (Demand for land revenue records) भी कर ली है।
इन जिलों से सीधा कनेक्ट होगा एक्सप्रेसवे
ये नया एक्सप्रेसवे (UP New Expressway ) कई जिलों को आपस में कनेक्ट करने वाला है। इन जिलों में  मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, पानीपत, शामली,रामपुर,पीलीभीत,  लखीमपुर खीरी, बरेली, शाहजहांपुर, बहराइच, श्रावस्ती, बस्ती, गोरखपुर का नाम शामिल है।
इस एक्सप्रेसवे (UP new Project) का फायदा यह होगा कि इससे औद्योगिक शहरों और छोटे कस्बों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बढ़ सकेंगे। मालवाहन की लागत कम होने के साथ ही उद्योग प्रतिस्पर्धी बनेंगे। राष्ट्रीय राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम तो होगी ही ओर सड़क हादसों में भी  कमी आ सकती हैं।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		