Gold Price Rate : बीते कुछ समय में सोने की कीमतों में ताबड़तोड़ तेजी देखी गई है और अब इस त्योहारी सीजन में : रिकॉर्ड तेजी के बाद सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। अब हाल ही सोने की कीमतों को लेकर एक्सपर्ट ने पूरा केलकुलेशन बताया है, जिसके तहत सोने (Gold Rate ) में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिलने वाली है। आइए खबर में जानते हैं सोने से जुड़े अपडेट के बारे में।
अब इस वर्ष 2025 में फेस्टिव सीजन में सोने- चांदी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। सोने की इस बढ़ती कीमतों में इस तेजी में निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। अब हाल ही में एक्सपर्ट ने सोने के केलकुलेशन बताया है, जिसके तहत रिकॉर्ड तेजी के बाद अब सोने की कीमतों (Sone Ki kimatein) में गिरावट देखने को मिलने वाली है। आइए खबर में जानते हैं कि सोने की कीमतें कितनी हो जाएंगी।
MCX पर सोने की कीमत
MCX पर सोने (Gold on MCX) की बात करें तो MCX पर सोना कुछ समय पहले 1,32,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार कर गया था, जबकि चांदी भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। रिकॉर्ड तेजी के बाद दिवाली के आस-पास दोनों धातुओं के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। इस अप्रत्याशित तेजी को लेकर निवेशकों को अलर्ट किया है।
एक्सपर्ट ने किया क्लियर
एक्सपर्ट ने क्लियर कहा है कि अगर किसी कमोडिटी के रेट तेजी से बढ़ी है तो उनमे गिरावट आना भी लाजमी है। उनका कहना है कि गोल्ड-सिल्वर (Gold Silver Rates) जैसी कमोडिटीज की कीमतों में हमेशा उतार-चढ़ाव होता रहता है। जब सोने की कीमतें भी इतनी तेती से उछलती है तो गिरावट भी उसी तेजी से आती है।
सोने का नहीं है कोई बुनियादी आधार
एक्सपर्ट का कहना है कि सोने (Sone Ke Bhav) का कोई बुनियादी या मौलिक आधार नहीं है। उन्होंने इंटरव्यू में बताया है कि मौजूदा उछाल खास तौर से रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीददारी के चलते आया है। उन्होंने इस बात पर जोरदिया है कि सेंट्रल बैंकों की यह खरीदारी एक ऐसा फैक्टर है, जो अब सोने के बाजार में पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा है कि निवेशकों को ऐसी तेजी के बीच सोने (Yellow Metal) में ज्यादा निवेश करने से बचना चाहिए।
पोर्टफोलियो का सीमित पार्ट होना चाहिए सोने-चांदी
एक्सपर्ट ने सोने के निवेशकों को यह एडवाइस दी है कि इस जोरदार इजाफे के बाद भी सोना-चांदी आपके पोर्टफोलियो का एक सीमित पार्ट ही होना चाहिए। उनका कहना है कि सोने-चांदी का कोई Intrinsic Value क्या है, इस बारे में कोई नहीं जानता है। उन्होंने यह भी कहा है कि कोई Dividend नहीं है, कोई बोनस नहीं है, कोई Cash Flow नहीं है। इन कीमती धातुओं के इवेल्यूएशन (Evaluation of precious metals) के लिए कोई मौलिक आधार नहीं है।
निवेशकों को करना होगा इन बातों पर गौर
बता दें कि एक्सपर्ट ने सोने (Sone ke rate) के खरीदारों को दो प्रमुख बातों पर गोर करने के लिए कहा है। जिनमे से एक है-केंद्रीय बैंकों की खरीदारी यानी की जब तक वैश्विक केंद्रीय बैंक भारतीय हाउसवाइफ की तरह व्यवहार करते रहेंगे और ऐसे ही सोने की खरीद करेंगे और बेचेंगे नहीं, तब तक आप निश्चिंत रह सकते हैं कि सोने की कीमतों में इजाफा होता रहेगा।
अब ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल है कि क्या सोने की कीमतें (Sone Ki Kimatein) हर दिन बढ़ेंगी तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है, क्योंकि कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव नार्मल है।
जानिए क्या पड़ा सेंट्रल बैंकों की स्ट्रेटजी का असर
पश्चिमी दुनिया के सेंट्रल बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves of central banks) का 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत हिस्सा सोने में है, जबकि पूर्वी दुनिया का अलोटमेंट तकरीबन 10 प्रतिशत है। अब पूर्वी दुनिया के सेंट्रल बैंकों को सोने (gold to central banks) में अपना अलोटमेंट बढ़ाना है और कुछ तो ऐसे में हैं, जिसमे चांदी में भी अलोटमेंट दोगुना करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ वर्षो में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी सोने-चांदी के रेटों में जबरदस्त फेरबदल का मुख्य कारण बनी है।
