Uttar Pradesh News : यूपी देश के सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। यूपी भारत का चौथा ऐसा बड़ा राज्य है, जो अपनी अनूठी पंरपराओं और धार्मिक नगरियों का शहर है। अब हाल ही में सरकार की ओर से एक बड़ी खबर आई है, जिसके तहत अब यूपी (Uttar Pradesh News ) में शहरों को अलग अलग जोन के हिसाब से बांटा जाएगा और इन शहरों को आबादी के हिसाब से डिवाइड किया जाएगा।
यूपी शहर में सबसे अधिक आबादी देखी जाती है। अब इस आबादी को कंट्रोल में लाने के लिए यूपी के योगी सरकार ने नए सिरे से जोन तय करने के लिए आबादी के आधार पर शहरों को बांटा है। योगी सरकार (yogi government) के मुताबिक नए सिरे से जोन तय करने के लिए आबादी के हिसाब से शहरों को डिवाइड किया जाने वाला है। आइए खबर में जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
इतनी होगी हर जोन की आबादी
बतों दें कि इन आबादी के आधार पर प्रयागराज, वाराणसी, आगरा और गाजियाबाद नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) में केवल चार जोन ही होंगे। अब हर जोन की आबादी औसतन 5-6 लाख होगी। बता दें कि प्रमुख सचिव नगर विकास ने प्रयागराज समेत प्रदेश के 17 शहरों में 5-5 लाख की आबादी के आधार जोनल कार्यालय बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
तीन श्रेणी में डिस्ट्रिब्यूट होंगे शहर
दरअसल, आपको बता दें कि प्रमुख सचिव (principal Secretary) के आदेश में 16 शहरों को 64 जोन में बांटने के बारे में बताया है और इसके लिए आबादी के अनुसार शहरों को तीन श्रेणी में डिस्ट्रिब्यूट किया गया है। जैसे की 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, आगरा, वाराणसी और गाजियाबाद शहर का नाम शामिल है। वहीं, 10 से 20 लाख की आबादी के सात और 10 लाख से कम आबादी वाले चार शहर को चिह्नित किया गया हैं। बता दें कि सभी शहरों में जोन बनाने का बेस 5 लाख की आबादी ही है।
इतनी आबादी पर तय किए जाएंगे जोन
जैसे ही प्रमुख सचिव के आदेश पहुंचते हैं तो उसके बाद प्रयागराज नगर निगम (Prayagraj Municipal Corporation) में आठ जोन को चार जोन में समेटने की तैयारी चल रही है। बता दें कि नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी व जनसंपर्क अधिकारी ने प्रमुख सचिव का आदेश को लेकर बताया है कि पांच लाख की आबादी के आधार पर जोन अब तय किए जाने वाले हैं।
गंगा-यमुना के पार शहरी सीमा है, इस वजह से यहां जोन बांटने के लिए मेहनत करनी होगी, लेकिन प्रमुख सचिव ने आदेश दिया है तो आबादी के आधार पर नए जोन तय किए जाएंगे। एक अन्य अधिकारी का कहना है कि आबादी के मुताबिक जोन को बनाने के बाद कम से कम सहायक नगर आयुक्त स्तर के अधिकारी के पास जोन को लेकर सारा कार्यभार होगा ।
20 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में जोन
20 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में जो जोन की संख्या होगी, वो इस प्रकार है। जैसे कि प्रयागराज शहर में चार जोन (Four zones in Prayagraj) होंगे और वाराणसी में चार, आगरा में चार, गाजियाबाद में चार, लखनऊ में आठ, कानपुर में जोन की संख्या सात होगी।
20 लाख आबादी वाले शहर में जोन की संख्या
10 से 20 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में जो जोन की संख्या होगी, वो इस प्रकार है। जैसे कि गोरखपुर शहर में तीन जोन (three zones in Gorakhpur city) होंगे और मुरादाबाद में जोन की संख्या तीन होगी। इसके अलावा मेरठ में तीन, बरेली में तीन, अलीगढ़ में तीन, मथुरा-वृंदावन में तीन और अयोध्या में तीन जोन होंगे।
10 लाख से कम आबादी वाले शहर
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर में जो जोन की संख्या होगी, वो इस प्रकार है। जैसे कि झांसी शहर में तीन, सहारनपुर में तीन (Zone in Saharanpur), फिरोजाबाद में तीन, शाहजहांपुर में तीन जोन की संख्या होगी। वहीं, प्रयागराज नगर निगम के वर्तमान जोनमें खुल्दाबाद, मुट्ठीगंज, कटरा, अल्लापुर, नैनी, झूंसी, फाफामऊ, ट्रांसपोर्टनगरद का नाम शामिल है।
