Uttar Pradesh – हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के 358 गांवों को शामिल कर एक नया शहर बसाया जाएगा. यमुना विकास प्राधिकरण के इस प्लान के लिए जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (Request for Proposal) की अंतिम तिथि अब तय कर दी है, ताकि परियोजना को गति मिल सकें-
हाथरस में एक नया शहर विकसित करने की तैयारियां तेज हो गई हैं. यमुना विकास प्राधिकरण ने ‘हाथरस अर्बन सेंटर’ के मास्टर प्लान के लिए जारी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (Request for Proposal) की अंतिम तिथि अब तीन नवंबर कर दी है, ताकि परियोजना को गति मिले.
तकनीकी बिड छह नवंबर को खोली जाएगी. चयनित कंपनी (selected company) को अगले आठ महीनों में मास्टर प्लान तैयार करने का काम सौंपा जाएगा. यह योजना हाथरस के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र का विस्तार छह जिलों में है. इसमें मथुरा में हेरीटेज सिटी और टप्पल में लॉजिस्टिक हब विकसित करने की योजना है. आगरा में भी पर्यटन और धरोहर पर ज़ोर है। नए शहर का मास्टर प्लान बनाने वाली कंपनी सबसे पहले शहर की भौगोलिक स्थिति का सर्वेक्षण करेगी.
इसके बाद ही प्लान को अंतिम रूप दिया जाएगा. शुरुआती चरण में दो से चार हजार हेक्टेयर में यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ नया शहर बसाया जाएगा. हाथरस के 358 गांव इस परियोजना के अधिसूचित क्षेत्र में शामिल हैं.
हाथरस में ‘मास्टर प्लान 2041’ (फेज-2) के तहत एक नया शहर विकसित किया जाएगा. यह नया शहर विशेष रूप से डेयरी, कपड़ा और ब्रास उत्पादों का मुख्य केंद्र बनेगा. इसके लिए हाथरस के सदर, सादाबाद और सासनी तहसील के गांवों में भूमि अधिग्रहण होगा.
वर्तमान में, हाथरस जिले में 10,293 पंजीकृत उद्योग हैं, जिनमें एमएसएमई और कुटीर उद्योग प्रमुख हैं, और वे क्लस्टर के रूप में विकसित हैं. इस योजना से न केवल शहर का विकास होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
हाथरस में अलीगढ़ और आगरा के मुकाबले बेहतर सड़क संपर्क है. नए शहर का एनएच 93 और यमुना एक्सप्रेसवे (yamuna expressway) के जरिए एसएच 33 से जुड़ाव है. इसके अलावा, यहां रेल जंक्शन भी है, जो शहर के विकास में सहायक होगा.
