Noida – नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तीव्र विकास से औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि की भारी कमी हो गई है. इसी समस्या के समाधान हेतु न्यू नोएडा बसाने की योजना बनाई गई है. यह नया शहर लगभग 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा… न्यू नोएडा, क्षेत्र में भूमि की मांग को पूरा करने के साथ-साथ विकास को नई गति प्रदान करेगा-
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तीव्र विकास से औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि की भारी कमी हो गई है. इसी समस्या के समाधान हेतु न्यू नोएडा बसाने की योजना बनाई गई है. यह नया शहर लगभग 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होगा, जिसमें औद्योगिक, आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाएं (Residential and Commercial Projects) शामिल होंगी. न्यू नोएडा, क्षेत्र में भूमि की मांग को पूरा करने के साथ-साथ विकास को नई गति प्रदान करेगा.
न्यू नोएडा को ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर, यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के पास बसाया जाएगा. यह नया शहर ग्रेटर नोएडा के समीप होगा और दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन के अधीन आएगा.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, न्यू नोएडा के लिए गौतम बुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा. जमीन अधिग्रहण की प्रकिया शीघ्र शुरू होगी. न्यू नोएडा के लिए मास्टर प्लान 2041 तैयार कर लिया गया है जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी भी दे दी है. अधिकारियों के अनुसार, न्यू नोएडा में लगभग 6 लाख लोगों की आवासीय मांग को पूरा करने की क्षमता होगी. यह शहर विकास को समायोजित करने, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने और एक आधुनिक, टिकाऊ शहरी केंद्र बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम होगा.
क्यों पड़ी जरूरत-
एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी (योजना) श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में उद्योगों, लॉजिस्टिक्स और रियल एस्टेट के लिए जमीन की मांग में असाधारण वृद्धि हुई है, लेकिन अब इन क्षेत्रों में जमीन की उपलब्धता समाप्त हो चुकी है. इसलिए इस मांग को पूरा करने के लिए ‘न्यू नोएडा’ की योजना बनाई जा रही है.
उद्योगों को प्राथमिकता-
न्यू नोएडा क्षेत्रीय आर्थिक विकास की दृष्टि से उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा. 40% भूमि औद्योगिक क्षेत्र के लिए आरक्षित होगी. 18% भूमि हरित क्षेत्र व मनोरंजन के लिए तथा 13% भूमि आवासीय परियोजनाओं के लिए आरक्षित होगी. शेष भूमि मिश्रित इस्तेमाल के लिए रखी जाएगी. श्रीलक्ष्मी वीएस का कहना है “हम न्यू नोएडा को उद्योगों, रियल एस्टेट, आईटी सेक्टर और शैक्षणिक संस्थानों की बढ़ती ज़मीन की मांग को पूरा करने के लिए विकसित कर रहे हैं.”
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान के तहत कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और एफएमसीजी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) भी न्यू नोएडा में विकसित किए जाएंगे. नोएडा में कौशल विकास केंद्र, ज्ञान केंद्र और एकीकृत टाउनशिप भी विकसित की जाएंगी. रेलवे के दोनों फ्रेट कॉरिडोर के संगम पर एक मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब भी प्रस्तावित है.
रियल एस्टेट को मिलेगा बड़ा बढ़ावा-
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, न्यू नोएडा, जो 21,000 हेक्टेयर में फैला होगा और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास स्थित होगा, शहरीकरण की बढ़ती मांग को पूरा करेगा और निवेश का केंद्र बनेगा. काउंटी ग्रुप के निदेशक अमित मोदी ने इसे सरकार की दूरदर्शिता बताया, जिससे प्रदेश में आवासीय, वाणिज्यिक (commercial) और औद्योगिक विकास (Industrial development) को नई दिशा मिलेगी. एसकेए ग्रुप के संजय शर्मा के अनुसार, यह स्मार्ट सिटी के रूप में पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा.
