UP Expressway : एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 597 हेक्टेयर जमीन पर एक नया एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 597 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। निजी कंपनी को पांच साल तक इसके अनुरक्षण का काम सौंपा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे भविष्य में आठ लेन का हो सकेगा-
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए लगभग 50 किमी लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे बनेगा। यह छह-लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सीधा और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगा। इसका निर्माण इसी साल शुरू होगा, और इस पर वाहनों की अधिकतम गति 120 किमी/घंटा होगी। यह योजना पूर्वी यूपी को सीधे पश्चिमी यूपी से जोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
औद्योगिक विकास विभाग के नए लिंक एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद 5000 करोड़ रुपये (भूमि अधिग्रहण सहित) की अनुमानित लागत वाले इस एक्सप्रेसवे के लिए विकासकर्ता कंपनी का चयन किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 597 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। निजी कंपनी को पांच साल तक इसके अनुरक्षण का काम सौंपा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे भविष्य में आठ लेन का हो सकेगा।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक सीधे जोड़ने के लिए नए लिंक एक्सप्रेसवे की पूरी योजना तैयार हो गई है। यह एक्सप्रेसवे लगभग 50 किमी का होगा। इससे पूर्वी यूपी बिना बाधा सीधे तौर पर पश्चिमी यूपी से जुड़ जाएगा। छह लेन के इस प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे का निर्माण इसी साल शुरू हो जाएगा। इस पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किमी की होगी।
औद्योगिक विकास विभाग के नए लिंक एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को जल्द कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी। इसके बाद इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए विकासकर्ता कंपनी का चयन होगा। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 597 हेक्टेयर जमीन की जमीन जरूरत होगी। एक्सप्रेसवे का पांच साल तक अनुरक्षण काम निजी कंपनी को दिया जाएगा। एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत करीब 5000 करोड़ रुपये होगी। इसमें जमीन अधिग्रहण की कीमत भी शामिल है। भविष्य में इस एक्सप्रेसवे को आठ लेन का किया जा सकेगा।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का पहला टोल प्लाजा बहरू में पड़ता है। यहीं से लिंक एक्सप्रेस शुरू होगा और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का पहला टोल प्लाजा महुराकलां के पास जाकर जुड़ जाएगा है। इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सघन वृक्षारोपण होगा। रेनवाटर हार्वेस्टिंग का भी इंतजाम होगा। सरकार की योजना इस लिंक एक्सप्रेसवे को लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे से जोड़ने की है। इससे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की सीधे कनेक्टविटी कानपुर व उन्नाव शहर से हो जाएगी। इसी तरह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी इन दोनों शहरों से जुड़ जाएगा।
इन गांवों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे-
लखनऊ के सीमावर्ती इन इलाकों से यह लिंक एक्सप्रेसवे बनेगा। इन क्षेत्रों में आदमपुर, इरखरा, सकाभवई, लुहस बंथरा, सिकंदपुर, कुरैनी, भगदुमपुर, काशी जैतीखेड़ा, परवर, पश्चिम परवर, उल्लासखेड़ा, खुजहा, बरकत नगर, किथैली, कलपहासा आदि शामिल हैं।
यह होगा फायदा-
आगरा एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Agra Expressway to Purvanchal Expressway) की ओर जाने वाले बड़े व भारी वाहन वर्तमान में लखनऊ के अंदर से गुजरते हैं, जिससे अवध चौराहा, तेलीबाग, अर्जुनगंज, गोसाईंगंज समेत कई चौराहों पर भीषण जाम लगता है। रोजाना करीब 70 हजार से अधिक वाहन लखनऊ शहर से होकर गुजरते हैं। नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनने से यह ट्रैफिक शहर के बाहर से होकर निकलेगा, जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को जाम से राहत मिलेगी। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे 104 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन आउटर रिंग रोड (outer ring road) के नजदीक से गुजरेगा।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		