Bank Rules : अक्टूबर का महीना खत्म होने वाला है और 1 नवंबर से बैंक से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। अगर आपका बैंक में लॉकर है तो यह खबर आपके काम की है। दरअसल, 1 नवंबर से बैंक लॉकर के नियम (Bank Locker Rules) बदलने वाला है। इससे करोड़ों ग्राहकों को फायदा मिलेगा। आइए जानते हैं सरकार ने नियमों में क्या बदलाव किये हैं।
बैंक ग्राहकों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। हर महीने की शुरूआत के साथ ही बैंक से जुड़े विभिन्न नियमों में बदलाव होता है। अब दो दिन में अक्टूबर का महीना खत्म होने वाला है और 1 नवंबर से बैंकों के कुछ नियम (Bank Rules) बदल जाएंगे। बता दें कि 1 तारीख से बैंक सेविंग अकाउंट (savings account) और लॉकर के नियम बदलने वाले हैं। अब ग्राहक एक से ज्यादा नॉमिनी सेविंग अकाउंट और बैंक लॉकर के लिए बना सकते हैं।
नए नियमों को लेकर दिशानिर्देशों –
RBI के नए दिशानिर्देशों में नॉमिनेशन फेसिलिटी डिपॉजिट अकाउंट, सेफ डिपॉजिट लॉकर (Safe Deposit Locker Rule) और सेफ कस्टडी आदि शामिल हैं। इसके तहत अब सभी बैंक, चाहे वो प्राइवेट हों, कोऑपरेटिव हों या ग्रामीण बैंक, सभी को अपने ग्राहकों को नॉमिनी की सुविधा देना अनिवार्य होगा। यदि कोई ग्राहक नॉमिनी नहीं करना चाहता है, तो वह एक लिखित घोषणा देकर इससे बाहर रह सकता है। RBI ने साफ किया है कि ऐसा करने पर बैंक अकाउंट खोलने में देरी नहीं कर सकते हैं।
बैंकों को कना होगा ये –
बैंकों को नॉमिनी फॉर्म मिलने के तीन वर्किंग डेज के अंदर इसकी पावती (acknowledgement) देनी होगी। पासबुक या फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद पर नॉमिनेशन रजिस्टर्ड लिखना होगा। साथ ही बैंक को अपने रिकॉर्ड में नामांकित व्यक्ति का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज करना होगा।
RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को नॉमिनी (Bank Account Nominee) की जरूरत के बारे में जागरूक करने के लिए अवेयरनेस कैंपेन भी चलाएं। ग्राहक किसी भी समय नॉमिनी बदल या कैंसिल कर सकेंगे और बैंक को इसकी लिखित वैरिफिकेशन तुरंत देनी होगी।
अगर हुई ये गलती तो बैंकों को बताना होगा कारण –
अगर किसी नॉमिनी में कानूनी गलती है और बैंक (Bank News) उसे अस्वीकार करता है, तो बैंक को 3 दिन के अंदर लिखित रूप से कारण बताना होगा। यदि किसी नामांकित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसका नॉमिनी अपने आप कैंसिल हो जाएगा। RBI ने पहले यह भी तय किया था कि ग्राहक की मृत्यु के बाद बैंक को 15 दिनों के अंदर दावा निपटाना होगा और देरी पर मुआवजा देना होगा।
