New Expressway In UP : उत्तर प्रदेश तेजी से विकसित होता हुआ राज्य है। यहां पर लोगों को बेहतर यातायात सुविधा देने के लिए सरकार लगातार सड़कों का दोहरीकरण करवा रही है और इसके साथ ही एक के बाद एक नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। भारत के कुल एक्सप्रेसवे नेटर्वक का 42% हिस्सा यूपी में है। सरकार के लगातार प्रयासों के चलते आज उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे वाला राज्य बन गया है। अब यूपी वालों के लिए एक गुड न्यूज है। दरअसल, प्रदेश में अब 8 नए हाई स्पीड एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे। आईये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं।
यूपी में सड़क कनेक्टिविटी को मजबूत करने ओर राज्य को देश के अन्य जिलों के साथ जोड़ने के लिए नए एक्सप्रेसवे का निर्माण करवाया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश में 7 संचालित एक्सप्रेसवे है और पांच एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। इसी बीच यूपी वालों के लिए एक और बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में 8 नए हाई स्पीड एक्सप्रेसवे (New high-speed expressways) बनने वाले हैं। इन एक्सप्रेसवे के बनने से सफर आसान होगा और ईंधन की भी बचत होगी। इसके साथ ही प्रदेश की आर्थिक और व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे – 
बता दें कि सबसे पहले बात चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे (Chitrakoot Link Expressway) को बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 20 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट को वाराणसी और बांदा से जोड़ेगा। परियोजना को जुलाई 2025 में मंजूरी मिल चुकी है और इस एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को साल 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे चित्रकूट धाम तक यात्रियों और श्रद्धालुओं को सीधी, सुगम कनेक्टिविटी मिलेगी।
जालौन लिंक एक्सप्रेसवे
जालौन लिंक एक्सप्रेसवे (Jalaun Link Expressway) जालौन और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को आपास में कनेक्ट करता है। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 115 किलोमीटर होगी। इस मार्ग को फिलहाल 4 लेन बनाया जाएगा। अनुमान है कि इस एक्सप्रेसवे को भविष्य में 4 लेन से बढ़ाकर 6 लेन किया जा सकता है।  इसके लिए 63 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जाएगी। 
सबसे लंबा प्रस्तावित एक्सप्रेसवे
विंध्य एक्सप्रेसवे (Vindhya Expressway) यूपी का सबसे लंबा प्रस्तावित मार्ग होगा जो प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 320 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए 23,000 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अगले 2 से 3 सालों में पूरा हो सकता है।
विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे
विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे (Vindhya-Purvanchal Link Expressway) उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे चंदौली के पास विंध्य एक्सप्रेसवे को गाजीपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करेगा। इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 100 किलोमीटर होगी। विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है।
मेरठ–हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे –
सरकार मेरठ–हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे (Meerut–Haridwar Link Expressway) भी बना रही है, इस एक्सप्रेसवे को धार्मिक कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बनाया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट जारी हो चुका है। वहीं आगरा–लखनऊ–गंगा लिंक एक्सप्रेसवे के लिए 900 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होगा। 
चित्रकूट–रीवा लिंक एक्सप्रेसवे –
उत्तर प्रदेश को मध्य प्रदेश के साथ जोड़ने के लिए चित्रकूट–रीवा लिंक एक्सप्रेसवे  (Chitrakoot–Rewa Link Expressway) बनाया जा रहा है, जबकि जेवर लिंक एक्सप्रेसवे जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को यमुना और गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से सफर काफी आसान हो जाएगा। इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश न सिर्फ देश का सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे और मजबूत सड़क कनेक्टिविटी वाला राज्य कहलाएगा, बल्कि औद्योगिक, धार्मिक और पर्यटन विकास की दिशा में भी नई छलांग लगाएगा। इन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कई क्षेत्रों में प्रॉपर्टी के रेट सातवें आसमान में पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और छोटे शहर की विकास गति में तेजी आएगी। 

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		