UP News : दालों के दाम एक बार फिर बढ़ने लगे हैं, जिससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित हो रही हैं। दुकानदारों के मुताबिक, महाराष्ट्र में हुई भयंकर बारिश ने अरहर की फसल को नुकसान पहुंचाया है। अगर बारिश नहीं हुई होती तो ये दाल 85 रुपये किलो तक बिक सकती थी-
दालों के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं, जिससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतें प्रभावित हो रही हैं। अरहर दाल की कीमत डेढ़ महीने में 90 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो हो गई है। इसी तरह, मटर की दाल (matar ki daal) के दाम भी 3 से 5 रुपये प्रति किलो बढ़े हैं और अब खुदरा बाजार में यह 45 से 50 रुपये प्रति किलो बिक रही है। यह बढ़ोतरी घरेलू बजट पर दबाव डाल रही है। (price of tur dal)
दुकानदारों के मुताबिक, महाराष्ट्र में हुई भयंकर बारिश ने अरहर की फसल को नुकसान पहुंचाया है। अगर बारिश नहीं हुई होती तो अरहर की दाल 85 रुपये किलो तक बिक सकती थी। उत्तर प्रदेश में अरहर की खेती लगभग खत्म है, इसलिए अरहर दाल (arhar dal price) की आपूर्ति महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश से होती है। महाराष्ट्र (Maharashtra) में फसल बर्बादी से बाजार प्रभावित हुआ है।
गल्ला मंडी के थोक व्यापारी श्रवण अग्रवाल के अनुसार, अरहर दाल की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। जनवरी में 150 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने के बाद दाम गिरकर 90 रुपये पर आ गए थे, लेकिन अब यह फिर से बढ़कर 100 से 120 रुपये प्रति किलो हो गई है। मटर की दाल की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण केंद्र सरकार (central government) द्वारा लगाया गया 40% टैक्स है, जिसने इसकी कीमत में 5 से 7 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की है।
दलहन के थोक व्यापारी पंकज मित्तल के मुताबिक, फिलहाल दलहन बाजार में और ज्यादा तेजी की आशंका नहीं है। दामों में जनवरी तक कुछ नरमी आने की उम्मीद जताई जा रही है। बाकी अन्य दालों के बाजार अभी शांत हैं और किसी बड़े उतार-चढ़ाव के आसार नहीं हैं।
Maharashtra और MP से आती है अरहर दाल-
महाराष्ट्र के अकोला और मध्य प्रदेश के नागपुर (nagpur) से सबसे ज्यादा अरहर दाल आती है। इसके अलावा कर्नाटक से भी दाल की आवक होती है।दिसंबर तक कर्नाटक से, और जनवरी में महाराष्ट्र से दाल की आवक शुरू होगी। इसके बाद, अरहर दाल की कीमतों में गिरावट आ सकती है।
साथ ही आपको बता दें कि यहां मटर दाल का उत्पादन (pea dal production) 10 प्रतिशत ही होता है, जबकि 90 प्रतिशत बाहर से ही होती है। रूस और कनाडा से दाल मंगाई जाती है। जबकि बुंदेलखंड और कानपुर क्षेत्र में मटर की पैदावार तो है, लेकिन कुल 10 प्रतिशत ही होती है।
दलहन कारोबारी सौरभ अग्रवाल के अनुसार, बाज़ार में अरहर और मटर दाल की खपत सर्वाधिक है। मटर का उपयोग दाल, छोले, और बेसन (gram flour) बनाने में होता है, जिससे इसकी मांग बनी रहती है।
दालों के खुदरा भाव…
अरहर दाल – 100 से 120 रुपये किलो
मटर दाल – 50 रुपये किलो
मसूर दाल – 80 रुपये किलो
उड़द दाल – 90 से 100 रुपये किलो
चना दाल – 80 रुपये किलो
