8th Pay Commission Update : केंद्र सरकार अब जल्द ही कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग को लागू करने वाली है। इस वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ा उछाल आएगा। इस बीच वेतन आयोग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों के डीए (DA Zero) को भी जीरो कर दिया जाएगा। चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि आठवें वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों के डीए को जीरो कर दिया जाएगा। इसका मतलब ये है कि कर्मचारियों की सैलरी में ही डीए (DA Update) की राशि को मर्ज करके उसको फिर से शुरू किया जाएगा। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से इस बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
जानिये क्या है डीए-
डीए (DA) का सरल शब्दों में अर्थ है कि पुरानी सैलरी में नई महंगाई का जोड़। ऐसे में जब कर्मचारियों की सैलरी को ही पूरी तरह से संशोधित किया जा रहा है तो इस स्थिति में डीए को जीरो करके नई महंगाई दर के हिसाब से ही बढ़ाना सुनिश्चित होगा। जब भी सरकार द्वारा नया वेतन आयोग (new pay commission) लागू किया जाता है तो उस दौरान महंगाई दर को पहले से ही संशोधित कर दिया जाता है।
महंगाई से होने वाले नुकसान की भरपाई करता है डीए-
जानकारी के लिए बता दें कि DA वो अतिरिक्त रकम होती है जोकि सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को दिया जाता है। इसकी वजह से महंगाई से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकती है। जब भी मार्केट में महंगाई बढ़ती है तब तब खरीदी की क्षमता घटती है। इसका मतलब ये है कि जो चीज आप 100 रुपये में खरीदते थे, वहीं अब आपको 120 में मिल जाती है। इस स्थिति में सरकार DA को बढ़ाती है और कर्मचारियों को महंगाई से लड़ने में भी मदद करती है।
हर 6 महीने में होता है डीए का संशोधन-
केंद्र सरकार द्वारा डीए (DA Update) का संशोधन हर छह महीने में किया जाता है। महंगाई भत्ते की गणना AICPI के आधार पर की जाती है। इनके डेटा के मुताबिक ही सरकार कर्मचारी के वेतन को बढ़ाती है। जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी 2025 में DA को 55 प्रतिशत रखा गया था। इसके बाद जुलाई 2025 में इसको बढ़कर 58 प्रतिशत तक कर दिया गया है और अब जनवरी 2026 के लिए यह 60 प्रतिशत तक जा सकता है।
उदाहरण की मदद से समझिये-
उदाहरण के तौर पर अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary Update) 50,000 रुपये है और उस पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है तो इस स्थिति में उसका कुल DA होगा- बैसिक सैलरी × महंगाई भत्ता = टोटल DA राशि। इस हिसाब से 50,000 रुपये × 50 प्रतिशत (DA) = 25 हजार रुपये डीए (DA) के तौर पर दी दिये जाएगें।
जानिये क्या है फिटमेंट फैक्टर-
केंद्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा करने के लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor Update) को ही आधार माना जाता है। फिटमेंट फैक्टर वो फॉमुला है जो पुराने और नए वेतन के बीच का ब्रिज बनाता है। केंद्र सरकार द्वारा 7वें वेतन आयोग में डीए को 2.57 तक तय किया गया था। वहीं 8वें वेतन आयोग में डीए (DA Hike) 1.92 से 2.05 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही तय किया जाता है कि डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा या फिर नहीं।
8वें वेतन आयोग में इतनी होगी सैलरी-
अगर केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के तहत 2.57 प्रतिशत फिटमेंट फैक्टर को लागू करती है तो इस स्थिति में नई बेसिक सैलरी बन जाएगी – पुरानी बैसिक सैलरी × फिटमेंट फैक्टर = नया वेतन। ऐसे में अगर किसी कर्मचारी को 40,000 रुपये सैलरी के तौर पर दिये जा रहे हैं और 2.57 प्रतिशत के आधार पर फिटमेंट फैक्टर दिया जा रहा है तो इस स्थिति में कर्मचारी की नई सैलरी (Salary Hike Update) 1,02,800 रुपये तक होगी। वेतन की ये कैलकुलेश्न हर वेतन आयोग में की जाती है।
9वें वेतन आयोग में लिया जाएगा ये बदलाव-
जब नया पे-स्ट्रक्चर लागू किया जाता है तो लेबर ब्यूरो फिर से नए CPI बेस ईयर (संभवतः 2021 या 2026) के हिसाब से डेटा को जारी कर देता है। वहीं नए आंकड़ों के साथ महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) की गणना भी फिर से ही शुरू हो जाती है और हर 6 महीने में सरकार उसी के मुताबिक डीए में बढ़ौतरी करती है। इस हिसाब से डीए एक बार फिर से 0 प्रतिशत, 3 प्रतिशत, 6 प्रतिशत, 9 प्रतिशत, 12 प्रतिशत… ऐसे धीरे-धीरे बढ़ता ही जाएगा और अगले 10 सालों में फिर वही स्थिति आएगी -जब 9वें वेतन आयोग के तहत भी डीए (DA) को दौबारा से जीरो कर दिया जाएगा।
कर्मचारियों पर पड़ेगा ये प्रभाव-
इस फैसले की वजह से कर्मचारियों पर तकनीकी तौर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है, क्योंकि जो DA अब तक कर्मचारियों को अलग से दिया जा रहा था, वही अब बेसिक वेतन में मर्ज कर दिया जाएगा। इसका लाभ ये होता है कि आपका HRA, TA और पेंशन जैसे अन्य भत्ते भी उसी के हिसाब से बढ़ाया जाता है। यानी की नेट सैलरी में कोई कटौती नहीं होती है। बल्कि बेसिक पे स्ट्रक्चर में मजबूती आती है।
