New Pay Commission: सरकार ने आठवें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (ToR) को मंज़ूरी दे दी है, आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय मिला है। अब पेंशनर्स जानना चाहते हैं कि उनकी पेंशन कितनी बढ़ेगी? तो चलिए आइए नीचे खबर में समझते लेते हैं पूरा कैलकुलेशन-
केंद्र सरकार के पेंशनर्स पोर्टल के अनुसार, 30 अक्टूबर 2025 तक कुल 68.72 लाख पेंशनर्स हैं। इसके विपरीत, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या लगभग 50 लाख है। अतः, वेतन आयोग की चर्चा में पेंशनर्स की मांगों और हितों पर विशेष ध्यान देना महत्वपूर्ण हो गया है।
सरकार ने आठवें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (ToR) को मंज़ूरी दे दी है, जिसकी चेयरपर्सन सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (Ranjana Prakash Desai) हैं। आयोग को रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय मिला है। अब पेंशनर्स जानना चाहते हैं कि उनकी पेंशन कितनी बढ़ेगी? तो चलिए समझते हैं पूरा कैलकुलेशन।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और पेंशन कितनी बढ़ेगी?
पेंशन बढ़ाने में सबसे अहम किरदार फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का होता है। यह एक गुणक (Multiplier) होता है जिससे पुराने बेसिक वेतन (old basic pay) या बेसिक पेंशन को नए वेतन में बदला जाता है। सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। यानी अगर किसी की पुरानी बेसिक सैलरी 10,000 रुपए थी, तो नई सैलरी 10,000 × 2.57 = 25,700 रुपए होगी। आठवें वेतन आयोग में (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर कितना होगा, यह कैबिनेट की मंजूरी के बाद तय होगा। (what is fitment factor)
क्या सिर्फ बेसिक पेंशन ही बदलेगी?
नहीं, पेंशनर्स के लिए सिर्फ बेसिक पेंशन ही मुद्दा नहीं है। टर्म ऑफ रेफ्रेंस में पेंशन से जुड़े कई पॉइंट शामिल हैं, जैसे—
– पेंशन, ग्रेच्युटी, फैमिली पेंशन, कम्यूटेड पेंशन की बहाली
– हर 5 साल में पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव
– ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) की बहाली (1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती वालों के लिए)
– CGHS मेडिकल सुविधा, कैशलेस इलाज और महंगाई राहत (DA/DR) को वेतन और पेंशन में जोड़ना।
पेंशनर्स की प्रमुख मांगें-
ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लॉई फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल ने पेंशन बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर में वृद्धि की मांग की है, क्योंकि फिटमेंट फैक्टर अधिक होने पर पेंशन ज्यादा बढ़ेगी।
उन्होंने कम्यूटेशन अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की भी मांग की, क्योंकि अभी 40% पेंशन कटती है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हर जिले में CGHS अस्पताल नहीं हैं और वर्तमान 3,000 रुपए के मेडिकल लाभ को बढ़ाकर 20,000 रुपए प्रति महीना किया जाना चाहिए।
पेंशन किस तरह बढ़ती है?
Fitment Factor के आधार पर पूरा कैलकुलेशन समझ लेते हैं। मान लीजिए एक शख्स की पुरानी बेसिक पे है- 40,000 रुपए, तो पुरानी पेंशन (50%) होगी यानी 20,000 रुपए।
फिटमेंट फैक्टर – नई बेसिक पे – नई पेंशन (50%)
2.57 – 40,000 × 2.57 = ₹1,02,800 ₹51,400
3 – 40,000 × 3 = ₹1,20,000 ₹60,000
3.68 – 40,000 × 3.68 = ₹1,47,200 ₹73,600
₹25000 से ₹50000 पेंशन कैसे होगी?
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 माना जाए, तो ₹25,000 × 2 = 50,000 रुपए पेंशन हो सकती है।
महंगाई राहत कैसे बढ़ेगी? How will the dearness relief increase-
DR बेसिक पेंशन का प्रतिशत होता है।
– पुरानी पेंशन ₹20,000 → DR 20% = ₹4,000
– नई पेंशन ₹30,000 → DR 20% = ₹6,000
यानी बेसिक पेंशन बढ़ने से DR अपने आप ज्यादा मिलेगा।
EPS, फैमिली पेंशन और Enhanced पेंशन में क्या होंगे बदलाव?
पेंशन का प्रकार – क्या होता है? – नया असर
EPS – आखिरी बेसिक सैलरी पर आधारित – नई वेतन मैट्रिक्स लागू होगी तो EPS भी बढ़ेगी
फैमिली पेंशन – पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी/परिवार को 30% बेसिक – बेसिक बढ़ेगा तो फैमिली पेंशन भी बढ़ेगी
Enhanced पेंशन – लंबी सेवा या कम्यूटेशन रिस्टोर होने पर – Fitment Factor ज्यादा होने पर ये भी बढ़ेगी
पेंशन का प्रकार क्या होता है? नया असर
EPS आखिरी बेसिक सैलरी पर आधारित नई वेतन मैट्रिक्स लागू होगी तो EPS भी बढ़ेगी
फैमिली पेंशन पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी/परिवार को 30% बेसिक बेसिक बढ़ेगा तो फैमिली पेंशन भी बढ़ेगी
Enhanced पेंशन लंबी सेवा या कम्यूटेशन रिस्टोर होने पर Fitment Factor ज्यादा होने पर ये भी बढ़ेगी
उदारणर में समझें तो-
पुरानी फैमिली पेंशन: ₹20,000 → 30% = ₹6,000
नई पेंशन: ₹30,000 → 30% = ₹9,000
टैक्स कितना बढ़ेगा?
विवरण पुरानी पेंशन नई पेंशन
बेसिक पेंशन ₹20,000/महीना ₹50,000/महीना
सालाना रकम ₹2,40,000 ₹6,00,000
DA/DR ₹72,000 ₹1,80,000
कुल टैक्सेबल ₹3,12,000 ₹7,80,000
टैक्स देय ₹600 ₹66,000
