Gold Silver Price : जहां एक ओर पिछले काफी समय से सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की जा रही थी, वहीं अब सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। ऐसे में निवेशकों को इस बात का इंतजार है कि 1,55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सोने की कीमत कब पहुंच जाएगी। इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने भी जानकारी दे दी है। खबर में जानिये इस बारे में।
लगातार बढ़ रही सोने की कीमतों पर अब ब्रेक लग गया है। दिवाली के बाद से ही सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। फिलहाल सोने की कीमत 1 लाख 23 हजार पर करोबार कर रही है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतों में आने वाले दिनों में तेजी दर्ज की जाएगी और सोने की कीमत (Sone Ka Bhav) 1,55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचेगी। ऐसे में आइए जानते हैं कि सोने इस आंकड़े पर कब तक पहुंचता है।
एक्सपर्ट्स ने दी जानकारी
गोल्ड के एक्सपर्ट्स ने जानकारी देते हुए बताया है कि दिसबंर 2026 तक सोने की कीमत (Gold Price) 1,55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच जाएगी। वहीं एक अन्य एक्सपर्ट ने जानकारी देते हुए बताया है कि अगले साल तक ही सोने की कीमत 1,43,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर जा पहुंचेगी। हालांकि एक और एक्सपर्ट बताते हैं कि सोने की कीमतों में अब तेजी का दौर धम गया है।
अक्तूबर में ही रिकॉर्डतोड़ ऊंचाई पर पहुंच गई सोने की कीमत
सोने की कीमत (GOld Price Today) अक्तूबर में ही रिकॉर्डतोड़ ऊंचाई पर जा पहुंची थीं। इसके बाद से ही सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है। फिलहाल सोने की कीमतों में कमजोर का दौर बरकरार है। 5 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने पर दबाव देखा जा रहा है। निवेशकों के मन में सोने की कीमतों को लेकर कई तरह के सवाल बने हुए है। इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सोने की कीमत में तेजी का दौर खत्म हो गया है। अगर नहीं तो फिर सोने की कीमतों (Sone Ka Bhav) में तेजी आने का कारण क्या हो सकता है।
डॉलर का यूज हुआ कम
बता दें कि वैश्विक व्यापार और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन में डॉलर का यूज लगातार कम हो रहा है। इसका प्रभाव डॉलर की डिमांड पर देखने को मिल रहा है। इसकी वजह से डॉलर की डिमांड में तेजी दर्ज की जा रही है। एक एक्सपर्ट ने रिपोर्ट में बताया कि ग्लोबल एक्सपोर्ट्स में भी अमेरिका की हिस्सेदारी कम होती नजर आ रही है। केंद्रीय बैंकों के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की हिस्सेदारी भी घटकर दो दशकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। कमोडिटीज के वैश्विक व्यापार में डॉलर के इस्तेमाल में सबसे ज्यादा कम हो रहे हैं।
इस वजह से बढ़ सकती है सोने की कीमत
एक्सपर्ट के अनुसार सोने में आई तेजी (Gold Rate Hike) का संबंध डिजिटल करेंसी के बढ़ते यूज से ही होता है। केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें स्टेबलकॉइन और दूसरे डिजिटल करेंसी के बढ़ते यूज के कारण ग्लोबल करेंसी मार्केट (global currency market) में बड़े बदलाव की संभावना लगाई जा रही है। डिजिटल करेंसी डॉलर की बादशाहत को बड़ा नुकसान कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो फिर सोने की कीमतों में तेजी का दौर बरकरार रहने वाला है।
स्टॉक मार्केट्स में आई तेजी
इसके अलावा इनवेस्टर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Investors Artificial Intelligence) के कारण बुलबुले को लेकर चिंतित होते दिख रहे हैं। स्टॉक मार्केट्स में आई तेजी के अंदर मुट्ठीभर टेक्नोलॉजी कंपनियो का हाथ रहा है। इसकी वजह से भी इनवेस्टर्स सुरक्षा के लिए गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना ही सही मानते हैं। इसकी वजह से सोने की डिमांड में भी सुधार आता है। केंद्रीय बैंकों ने भी गोल्ड में निवेश (gold investment) को बढ़ा दिया है।
अमेरिका में बढ़ी अनिश्चितता
अमेरिका में भी अनिश्चितता बढ़ती चली जा रही है। अमेरिका सरकार का कर्ज और घाटा लगातार बढाती दिख रही है। टैरिफ के कारण वैश्वीकरण को नुकसान पहुंच रहा है। फेडरल रिजर्व (federal Reserve) की स्वतंत्रता पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इन सभी कारणों की वजह से डॉलर में इनवेस्टर्स का भरोसा कम हो रहा है। राजनीतिक दबाव में फेड के इंटरेस्ट रेट कम होने की वजह से इनफ्लेशन बढ़ता दिख रहा है। इसकी वजह से डॉलर पर दबाव बनता दिख रहा है।
सोने की कीमत में जारी तेजी का दौर
कई गोल्ड एनालिस्ट्स इस बात पर इंकार कर रहे हैं कि सोने की कीमतें (Gold Rate) ऐसे लेवल पर पहुंच गई हैं, जिसके ऊपर जाना और भी ज्यादा मुश्किल है। उनका मानना है कि सोने में अभी भी तेजी की उम्मीद बची हुई है। गोल्डमैन ने दिसबंर 2026 तक सोने की कीमत 1,55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। वहीं ANZ का मानना है कि अगले साल के मध्य तक सोने की कीमत 1,43,800 रुपये प्रति 10 ग्राम होगी। ऐसे में सोने की कीमतों में तेजी का दौर अभी नहीं थमा है।
निवेशक कर रहे हैं प्रॉफिट बुकिंग की ओर रुख
गोल्ड की कीमतों (GOld Rate Down) में गिरावट उन लोगों के लिए बेहतरीन खबर है, जो इसमें निवेश का मौका चूक गए थे। इसके अलावा अगर इनवेस्टर्स गोल्ड में मुनाफावसूली करना चाहते हैं तो वे 3,860-4,200 डॉलर प्रति औंस की रेंज में इसकी बिक्री कर सकते हैं। ऐसे निवेशक जिनके पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी ज्यादा है, वे प्रॉफिट बुकिंग की ओर रुख कर सकते हैं। इसका सीधे तौर पर मतलब ये है कि गोल्ड को खरीदने या बेचने का फैसला आपके एसेट ऐलोकेशन पर ही निर्भर करता है।
