नई दिल्ली। अगर आप प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं और हर महीने आपकी सैलरी से पीएफ (Provident Fund) कटता है, तो आपके लिए खुशखबरी है — आप रिटायरमेंट के बाद Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत पेंशन पाने के हकदार हैं। यह योजना EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) की ओर से चलाई जाती है और इसका मकसद कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद नियमित मासिक आय सुनिश्चित करना है।
🧾 EPS क्या है? (What is Employees’ Pension Scheme)
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को हुई थी। इसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत लागू किया गया। इसका उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देना है — चाहे रिटायरमेंट के बाद हो, विकलांगता की स्थिति में या फिर कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के लिए।
EPS के तहत कर्मचारी सीधे अंशदान नहीं करता, बल्कि नियोक्ता (Employer) उसकी बेसिक सैलरी + डीए का 8.33% EPS खाते में जमा करता है। इस योजना के तहत कर्मचारी को 58 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है। यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो यह पेंशन उसके नॉमिनी या परिवार के सदस्य को मिलती रहती है।
📊 15 साल नौकरी करने पर पेंशन का कैलकुलेशन (EPS Pension Calculation Formula)
EPFO एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर पेंशन तय करता है। फॉर्मूला है:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) / 70
मान लीजिए आपकी अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी ₹15,000 है और आपने 15 साल तक लगातार नौकरी की है, तो हिसाब इस तरह बनेगा 👇
- पेंशन योग्य वेतन = ₹15,000
- सेवा अवधि = 15 वर्ष
- मासिक पेंशन = (15,000 × 15) / 70
- मासिक पेंशन = ₹2,25,000 / 70
- मासिक पेंशन = ₹3,214 (लगभग)
इस हिसाब से, यदि आपने 15 साल की नौकरी की है तो आपको हर महीने करीब ₹3,200 की पेंशन मिलेगी।
📈 सर्विस बढ़ने पर बढ़ेगी पेंशन
यदि आपकी नौकरी की अवधि (सेवाकाल) 15 साल से अधिक है, तो आपकी पेंशन भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगी। उदाहरण के लिए, 20 साल या उससे अधिक सर्विस पर पेंशन की रकम काफी बढ़ सकती है। पेंशन की गणना हमेशा आपकी औसत वेतन और सेवा वर्षों पर आधारित होती है।
⚙️ EPS के लिए जरूरी शर्तें
- कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी जरूरी है।
- पेंशन की पात्रता 58 वर्ष की आयु के बाद शुरू होती है।
- यदि कर्मचारी ने बीच में नौकरी बदली है, तो उसकी EPFO UAN संख्या से जुड़ी सभी सेवाएं एक साथ जोड़ी जाती हैं।
💡 निष्कर्ष
EPFO की EPS योजना प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक मजबूत रिटायरमेंट सिक्योरिटी प्लान है। 15 साल तक नियमित सेवा देने पर भी कर्मचारी को आजीवन पेंशन मिलती है, जिससे बुढ़ापे में वित्तीय स्थिरता बनी रहती है। यदि आपने अभी तक EPS योगदान की जानकारी नहीं ली है, तो अपने EPF पासबुक या UAN पोर्टल पर जाकर इसे जरूर चेक करें।
