Gehu Bhav : बीते कुछ दिनों में गेहूं के दामों में गिरावट के बाद अब तेजी देखी जा रही थी। गेहूं के दाम बढ़ने से किसानों में खूशी की लहर दौड़ पड़ी है। अब इसी बीच जानकारों ने गेहूं की आने वाले समय में क्या चाल रहेगी, इस बारे में जानकारी दी है। ऐसे में आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि देशभर की मंडियों में इस हफ्ते गेहूं के दाम (Gehu Bhav ) क्या रहने वाले हैं।
अब इन दिनों गेंहू के दामों में हल्की-फुल्की उठापटक देखने को मिल रही है। अब इस सप्ताह गेहूं के दामों को लेकर जानकारों ने अपडेट दिया है। अब दो दिन से गेहूं के दाम ऑल टाइम हाई पर चल रहे थे। अब किसान यह जानना चाह रहे हैं कि आने वाले दिनों में गेहूं की चाल कैसी रहने वाली है। ऐसे में आइए खबर में जानते हैं कि आगामी दिनों में गेहूं के दाम (Gehu Ke Damm) क्या रहने वाले हैं।
कहां कितने चल रहे गेंहू के भाव
राजधानी दिल्ली में गेहूं के दामों की बात करें तो दिल्ली में गेहूं का भाव (Wheat price in Delhi) 2840 रुपये पर पहुंच गया है और यहां पर पहुंचते ही दो दिनों में गेहूं का दाम 35 रुपये टूटकर 2805 पर ओपन हुआ है। अन्य बाजारों की बात करें तो नरेला में गेहूं का भाव 2700 और लुधियाना में गेहूं का भाव 2730 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुआ है। वहीं, राजकोट में गेहूं का भाव (Wheat price in Rajkot) 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचा जा रहा है।
रबी फसलों की बुआई में हुआ इजाफा
वहीं, दूसरी ओर देशभर में रबी फसलों की बुआई (Sowing of Rabi crops) में भी काफी इजाफा हो रहा है और कुल रकबा बीते वर्ष से तकरीबन 9.9 लाख हेक्टेयर आगे निकल गया है। सरकार की ओर से इस सीजन के लिए गेहूं उत्पादन का मकसद 1190 लाख टन रखा गया है और एमएसपी में इजाफा हो गया है और एमएसपी 160 रुपये बढ़ाकर 2585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
ई-नीलामी के माध्यम से बेचा जाएगा गेहूं
वैसे तो देशभर की ज्यादातर मंडियों में घुन के भाव सरकारी समर्थन मूल्य (government support price) के आस-पास चल रहे हैं। दरअसल, आपको बता दें कि सरकार के पास पर्याप्त अधिशेष स्टॉक होने से बाजार में मनोवैज्ञानिक दबाव अभी बना हुआ है। एफसीआई की ओर से ओपन मार्केट सेल स्कीम (Open Market Sale Scheme) के अंतर्गत 20 लाख टन गेहूं ई-नीलामी के माध्यम से बेचने का प्लान है, जो पहले 30 लाख टन की थी।
इन कारणों से पड़ सकता है कीमतों पर प्रभाव
इस प्लान के पहले टेंडर में ही 2 लाख टन अलोट हो गया है और इसके लिए बड़े मिलर्स को हर वीक 250 टन की सीमा निर्धारित की गई है और जिन कारोबारियों के पास स्टॉक लिमिट (stock limit) से ज्यादा माल रखा हुआ है, वे इसमे योगदान नहीं दे सकेंगे। इससे कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि अगर एफसीआई कुछ समय ओर इंतजार करते हैं तो उन्हें ऊंचे भाव मिल सकते थे, लेकिन अब स्कीम के आने से कुछ वक्त के लिए मंदी का असर दिख सकता है।
वहीं, पंजाब में गेहूं पर राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित (National seminar organized) किया गया था, जहां उद्योग एक्सपर्ट ने सरकार से गेहूं उत्पादों जैसे आटा, मैदा, सूजी के निर्यात पर लगी पाबंदी हटाने को लेकर डिमांड की है।
किस वजह से गेहूं को मिला समर्थन
खराब मौसम और बेमौसम बारिश के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी भारत के गेहूं को समर्थन (wheat in the international market) मिलने की संभावना है। इस सम में देश के कई इलाकों में हर दिन मंडियों में 10–15 हजार बोरी गेहूं की आवक रिकॉर्ड की जा रही है। आगामी कुछ सप्ताह में OMSS सेल के मनोवैज्ञानिक दबाव के धीरे-धीरे पीछे हटने और शादी ब्याह की डिमांड निकलने की वजह से घरेलू बाजार में गेहूं के दामों (Wheat prices in domestic market) में 50–60 रुपये प्रति क्विंटल की मजबूती मिलने की संभावना है और राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर गेहूं के भाव 2900 तक जा सकते हैं। उम्मीद है कि आगामी दो हफ्ते में सरकारी बिक्री और रबी बुआई की दिशा बाजार की स्थिती को साफ कर देगी।
