नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की शर्तों और दायरे यानी Terms of Reference (ToR) की अधिसूचना जारी होते ही विवाद खड़ा हो गया है। ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉयीज फेडरेशन (AIDEF) ने आरोप लगाया है कि इस बार जारी की गई ToR में देश के 69 लाख पेंशनरों को शामिल नहीं किया गया है। संगठन का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर उस हिस्से को हटा दिया है, जो पहले 2014 में 7वें वेतन आयोग की अधिसूचना में ‘पेंशन और रिटायरमेंट लाभों की समीक्षा’ से संबंधित था।
🔹 7वें वेतन आयोग की ToR में क्या था?
2014 में जारी 7th Pay Commission ToR में यह साफ लिखा था कि आयोग उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन संरचना की समीक्षा करेगा, जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं। उसमें यह भी उल्लेख था कि आयोग यह तय करेगा कि पहले से रिटायर हो चुके कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन की क्या प्रक्रिया होगी।
साथ ही यह भी कहा गया था कि 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (NPS) के तहत लाया गया है, इसलिए दोनों श्रेणियों के बीच संतुलन बनाया जाए।
🔹 8वें वेतन आयोग की ToR से गायब है पेंशन से जुड़ा सेक्शन
3 नवंबर को वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी 8th Pay Commission ToR में “पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों की समीक्षा” से जुड़ा पूरा सेक्शन हटा दिया गया है। यानी नई अधिसूचना में पेंशनरों के अधिकार या लाभों की समीक्षा का कोई उल्लेख नहीं है।
🔹 AIDEF का विरोध और सरकार से मांग
AIDEF ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध जताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। संगठन ने मांग की है कि 8वें वेतन आयोग की ToR में संशोधन किया जाए, ताकि 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर हो चुके या होने वाले सभी पेंशनरों को आयोग के दायरे में शामिल किया जा सके।
संगठन ने पत्र में लिखा,
“यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 69 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को, जिन्होंने दशकों तक देश की सेवा की, उन्हें आयोग की सिफारिशों से बाहर रखा गया है।”
🔹 AIDEF की अतिरिक्त सिफारिशें
AIDEF ने अपने पत्र में कुछ अतिरिक्त सुझाव भी दिए हैं, जिनमें शामिल हैं —
- 11 साल बाद कम्यूटेड वैल्यू की बहाली की व्यवस्था की जाए।
- सेवानिवृत्ति की तिथि से हर 5 साल में पेंशन में 5% की वृद्धि लागू की जाए, जैसा कि संसदीय स्थायी समिति ने पहले सिफारिश की थी।
🔹 सरकार का रुख क्या है?
सरकार की ओर से इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 28 अक्टूबर को कहा था कि 8वां वेतन आयोग लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनरों दोनों को कवर करेगा।
फिलहाल, AIDEF ने अपने पत्र की कॉपी नेशनल काउंसिल-ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के स्टाफ साइड सचिव शिव गोपाल मिश्रा को भी भेजी है, ताकि वह इस मामले को औपचारिक रूप से सरकार के समक्ष उठा सकें।
🔸 निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग की ToR को लेकर यह विवाद अब बड़ा रूप लेता दिख रहा है। एक तरफ संगठन कह रहा है कि पेंशनरों की अनदेखी की गई है, वहीं सरकार का दावा है कि सभी वर्गों को कवर किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार इस विवाद को सुलझाने के लिए ToR में संशोधन करती है या नहीं।
