मुस्कदाना जिसे कस्तूरी भिंडी भी कहते हैं MP के मंदसौर में इसकी खेती हो रही। यह एक औषधीय फसल है जिससे प्रति बीघा किसान लाखों की आमदनी ले सकते हैं-
मुस्कदाना ( कस्तूरी भिंडी ) की खेती
MP में किसान मुस्कदाना जिसे कस्तूरी भिंडी कहते हैं इसकी खेती कर रहे हैं। इससे पारंपरिक फसलों की तुलना में ज्यादा मुनाफा होता है। बताया जाता है कि यह औषधीय फसल है, बेहद गुणकारी पौधा होता है। कई रोगों के लिए यह लाभकारी है। इसके पौधे झाड़ीदार होते हैं, फूल हल्के पीले और भिंडी के फूलों की तरह दिखाई देते हैं। इसके पौधे तीन से पांच फीट तक लंबाई में चले जाते हैं।
मुस्कदाना का इस्तेमाल दवाई बनाने में, जर्दा बनाने में तथा खुशबूदार इत्र यानी कि परफ्यूम बनाने में किया जाता है। क्रीम पाउडर बनाने में भी इसका इस्तेमाल होता है. इसलिए मुस्कदाना महंगा बिकता है। प्रति क्विंटल कीमत कितनी है, उत्पादन कितना मिलता है, आइये इसके बारे में जानते हैं।
1 बीघा में मुस्कदाना की खेती करेंगे तो कितना उत्पादन मिलेगा
1 बीघा में मुस्कदाना की किसान खेती करते हैं तो 500 ग्राम बीज खेती के लिए लगता है, और उत्पादन प्रति बीघा 4 क्विंटल तक किसान ले सकते हैं। जिसमें बता दे की ₹30000 प्रति क्विंटल इसका रेट है। इस हिसाब से₹100000 शुद्ध मुनाफा इसमें हो जाता है। आईए जानते हैं इसकी खेती में आने वाले खर्चे के बारे में।

कस्तूरी भिंडी की खेती में कितना आएगा खर्चा
मुस्कदाना की खेती किसान कर रहे है तो बेड बनाकर पौधे लगा सकते हैं। दो बेड के बीच की दूरी 1.5 फीट और दो पौधों के बीच की दूरी 2 फिट रखें। एक बीघा में मुस्कदाना की खेती में लगभग ₹10000 का खर्चा आता है। क्योंकि यह एक जंगली पौधा। इसके लिए अधिक रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है।
आप सिर्फ जैविक खाद, गोबर की खाद दे सकते हैं। लेकिन 2 साल पुरानी गोबर की खाद खेत की तैयारी करते समय खेत में डालें। इससे खर्चा घट जाता है। 5 महीने में यह फसल तैयार हो जाती है, और खर्चा निकालने के बाद भी ₹100000 प्रति बीघा का आमदनी से किसान ले सकते हैं।
