किसान नीलगाय, जंगली-आवारा जानवर से परेशान है तो चलिए देसी जुगाड़ बताते हैं जिससे जंगली जानवरों को खेतों से दूर रख सकते हैं-
जंगली जानवर-नीलगाय से फसल को नुकसान
खेती में कई ऐसी आधुनिक तकनीक आ गई है, जिससे किसान अधिक पैदावार ले सकते हैं, कई तरह की खाद बीज बढ़िया गुणवत्ता वाला मिलता है, जिससे किसानों को एक अच्छी फसल मिल जाती है। लेकिन जंगली जानवर जो कि समय के साथ किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। उनसे बहुत खतरा रहता है। जिन क्षेत्रों में नीलगाय का आतंक है वहां किसान बहुत ज्यादा परेशान रहते हैं।
इसीलिए आज इस लेख के जरिए किसानों को जंगली जानवर नहीं लगा इत्यादि से अपनी फसल को बचाने के उपाय बताने जा रहे हैं, जो की एक जुगाड़ से कम नहीं है। इसमें किसानों को अधिक खर्च नहीं करना पड़ेगा। फायदा भी डबल होगा।
नीलगाय को खेतों से दूर कैसे रखें
नीलगाय हो या कोई जंगली जानवर खेतों से दूर रखने के लिए किसान के पास कई सारे विकल्प है। लेकिन उनमें खर्च भी आते हैं, यहां पर आपको कम खर्चा वाला उपाय बताने जा रहे हैं। जिसके लिए नीम की खली और ईंट भट्टे की राख का इस्तेमाल कर सकते हैं। दोनों चीजों को आप अच्छे से मिलाकर फसलों पर छिड़का जा सकता है। इससे यह होगा कि राख और नीम के खली दोनों जंगली जानवर या नीलगाय को पसंद नहीं है और इससे फायदा यह भी है कि नीम की खली से कीट रोग फसल में नहीं लगेंगे।

अगर आपके पास नीम की खली नहीं है तो राख भी छिड़क सकते हैं। इससे भी थोड़ा बहुत फायदा होता है लेकिन खली की गंध तेज होती है जिससे जंगली जानवर फसल को मुंह तक नहीं लगाते हैं। जिसमें मात्रा की बात करें तो एक बीघा में 3 किलो नीम की खली में 3 किलो ईंटा भट्टा की राख मिलाकर छिड़का जा सकता है। सर्दियों में राख फसल के लिए और भी ज्यादा फायदेमंद होगी।
