आधुनिक खेती अपनी ओर हर किसान और युवाओं का ध्यान खींच रहा है, इनमे से एक है एरोपोनिक्स खेती। यह एक ऐसी खेती है जिसमें संसाधन कम लगती हैं और मुनाफा अधिक होती है। आइए जानते हैं इस खेती के बारे में विस्तार से।
एरोपोनिक्स खेती क्या है ?
एरोपोनिक्स खेती एक ऐसी खेती है जिसमें मिट्टी की जरुरत नहीं होती है और पानी की खपत बहुत कम रहती है। इस खेती में पौधे को हवा में उगाया जाता है। एरोपोनिक्स खेती के लिए वातावरण का अनुकूल होना बहुत जरूरी होता है। वातावरण को अनुकूल करने के बाद पौधों को एक कंटेनर, प्लास्टिक शीट या ट्रे के छेद में लगाया जाता है,और पौधों की जड़ों को एक बक्से में लटकाया जाता है। पौधों में पोषक तत्व नोजल या पंप के द्वारा डाला जाता हैं।
एरोपोनिक्स खेती में सेंसर और कंप्यूटर की मदद से तापमान,नमी और रोशनी को बहुत आसानी से कंट्रोल और मॉनिटर कर सकते है। इस खेती में अगर पौधों को सही पोषण और ऑक्सीजन मिलते रहें तो फसल बहुत तेजी से बढ़ती है।
एरोपोनिक्स खेती से कौन से फसल उगा सकते हैं और इस खेती के फायदे क्या हैं ?
एरोपोनिक्स खेती में बहुत से फसल लगाया जा सकता हैं जैसे धनिया, मेथी,पालक,टमाटर,खीरा,मिर्च,तुलसी और जड़ी बूटी की खेती की भी कि जा सकती है, यहाँ तक कि आलू भी उगाया जा सकता है।

एरोपोनिक्स खेती के बहुत सारे फायदे हैं। यह तकनीक कम संसाधनों में अधिक मुनाफा देती है। इसमें पारंपरिक खेती की तुलना में 90% तक पानी की बचत होती है, जिसके वजह से कम पानी वाले इलाकों में भी इसकी खेती की जा सकती है। पौधों की जड़ों को सीधे ऑक्सीजन और पोषण मिलने के वजह से फसल का उत्पादन 12 गुना तक बढ़ जाता है। यह खेती कम जगह में भी की जा सकती है जैसे छत या ग्रीनहाउस, इसलिए ये शहर में भी की जा सकती है क्योंकि वहाँ अक्सर जगह की कमी के वजह से खेती नहीं हो पाती है। मिट्टी का इस्तेमाल नहीं होने के कारण इसमें किट या रोगों का खतरा नहीं रहता और यह मौसम का मोहताज नहीं रहती, जिसके कारण सालभर फसल का उत्पादन होता रहता है।
एरोपोनिक्स खेती टिकाऊ और स्मार्ट खेती का एक बहुत बढ़िया उदहारण है। यदि किसान और युवा इस तकनीक को अपनाते हैं, तो यह खेती में रोजगार के नई रास्ते खोल सकती है।
