गोल्ड मार्केट एक बार फिर तेज़ी की राह पर है। वैश्विक बाजारों से मिले मजबूत संकेत, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और US गवर्नमेंट शटडाउन का समाप्त होना—इन सभी फैक्टर्स ने सोने की मांग को नई ताकत दी है। घरेलू बाजार में इसकी सीधी झलक देखने को मिल रही है।
14 नवंबर को दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड का भाव बढ़कर ₹1,28,780 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। बिहार चुनाव परिणाम आज घोषित होने वाले हैं, ऐसे में कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।
**2026 में सोना कितना महंगा होगा?
JP Morgan और Goldman Sachs का बड़ा अनुमान**
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जेपी मॉर्गन प्राइवेट बैंक का कहना है कि सोना आने वाले वर्षों में रिकॉर्ड ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
- 2026 तक गोल्ड $5000 प्रति औंस को पार कर सकता है।
- बैंक के ग्लोबल हेड, एलेक्स वुल्फ, का अनुमान है कि कीमतें $5200–$5300 प्रति औंस तक जा सकती हैं।
- गोल्डमैन सैक्स भी दिसंबर 2026 तक $4900 प्रति औंस का लक्ष्य देख रहा है।
- ANZ का अनुमान है कि अगले साल के मध्य तक गोल्ड $4600 प्रति औंस तक जा सकता है।
इन अनुमान से साफ है कि लंबी अवधि में सोना एक मजबूत एसेट बना रहने वाला है।
देशभर में आज के सोने के दाम (14 नवंबर 2025)
दिल्ली में आज का गोल्ड रेट
- 24 कैरेट सोना: ₹1,28,780 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹1,18,060 प्रति 10 ग्राम
मुंबई, चेन्नई और कोलकाता
इन तीनों महानगरों में आज दरें समान हैं—
- 22 कैरेट: ₹1,17,910 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट: ₹1,28,660 प्रति 10 ग्राम
पुणे और बेंगलुरु
- 22 कैरेट गोल्ड: ₹1,17,910 प्रति 10 ग्राम
- 24 कैरेट गोल्ड: ₹1,28,630 प्रति 10 ग्राम
शहरवार गोल्ड रेट (₹ प्रति 10 ग्राम)
| शहर | 22 कैरेट | 24 कैरेट |
|---|---|---|
| दिल्ली | 118060 | 128780 |
| मुंबई | 117910 | 128660 |
| अहमदाबाद | 117960 | 128630 |
| चेन्नई | 117910 | 128660 |
| कोलकाता | 117910 | 128660 |
| हैदराबाद | 117910 | 128660 |
| जयपुर | 118060 | 128780 |
| भोपाल | 117960 | 128630 |
| लखनऊ | 118060 | 128780 |
| चंडीगढ़ | 118060 | 128780 |
Silver Price Today: चांदी में भी उछाल जारी
सोना ही नहीं, चांदी भी तेजी में बनी हुई है।
- भारत में 14 नवंबर को चांदी का भाव ₹1,73,100 प्रति किलो पहुंच गया है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट सिल्वर $53.86 प्रति औंस पर ट्रेड हो रही है।
भारत में सोना-चांदी की कीमतें घरेलू मांग, टैक्स, इंपोर्ट ड्यूटी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों की चाल पर निर्भर करती हैं—इसलिए रेट लगातार बदलते रहते हैं।
