महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा यह योजना चलाई जा रही है, जिससे हर महिला लखपति दीदी बन सके। आइए जानते हैं ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में।
ग्रामीण आजीविका मिशन
देश के अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी महिलाओं को कई तरह की आर्थिक मदद दी जा रही है। महिलाओं के लिए कई तरह की सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे वे अपना खुद का व्यवसाय कर सकें और जीवनयापन के लिए आर्थिक मदद प्राप्त कर सकें। इन्हीं योजनाओं में से एक है ग्रामीण आजीविका मिशन, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें लखपति दीदी बनाना है।
इस मिशन के अंतर्गत महिलाओं को पोल्ट्री फार्मिंग की जानकारी भी दी जा रही है तथा उन्हें चूजे भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वे हर साल ₹1,00,000 से अधिक की आय करके लखपति दीदी बन सकें। ग्रामीण आजीविका मिशन का लक्ष्य है कि हर ग्राम पंचायत में 8 से 10 लखपति दीदियों का निर्माण किया जाए, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें।
महिलाओं को मिल रहे हैं कड़कनाथ के चूजे
मुर्गी पालन आमदनी का एक अच्छा जरिया है। महिलाएं अगर घर पर रहकर कोई व्यवसाय करना चाहती हैं, तो मुर्गी पालन एक बेहतर विकल्प है, जिससे उन्हें कम खर्च में अच्छी आय हो सकती है। देसी मुर्गी सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद होती है और बाजार में इसकी कीमत भी अधिक मिलती है। इनमें कड़कनाथ मुर्गा, जो पूरी तरह काले रंग का होता है, और भी महंगा बिकता है।
इसलिए महिलाओं को इससे अधिक लाभ मिलता है। इसी उद्देश्य से मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में 110 महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं को पशुपालन विभाग द्वारा बैकयार्ड पोल्ट्री योजना के अंतर्गत कड़कनाथ एवं देसी रंगीन नस्ल के चूजे बाँटे गए हैं।
मुर्गी पालन का मिलेगा प्रशिक्षण
मुर्गी पालन के व्यवसाय में नुकसान से बचने के लिए प्रशिक्षण लेना बहुत आवश्यक होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा, राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल के सहयोग से, कड़कनाथ चूजों की पूर्ण इकाई स्थापित करने के लिए तीन माह का तकनीकी मार्गदर्शन मिल रहा है। इस प्रशिक्षण में उच्च गुणवत्ता वाले आहार, देखभाल के नियम, और अन्य जरूरी जानकारियाँ दी जाएंगी, जिससे महिलाओं को मुर्गी पालन का सम्पूर्ण ज्ञान मिल सके। इस व्यवसाय में दिक्क्त नहीं आएगी।
