भयंकर ठंड बढ़ने और पाले की वजह से खराब हो रही फसल को बचाने के लिए किसान भाई जल्द से जल्द उठाए ये कदम

इन दिनों भारत के ज्यादातर इलाको में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। कई इलाको में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। पीला की वजह से हाथो पैरों में गलन होने लगी है। लोग ठण्ड की वजह से कांप रहे है। लोगो के साथ साथ फसल पर ठण्ड का पूरा असर देखने को मिल रहा है। इस दौरान कई विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 15 दिन में ठण्ड के कारण फसल को नुकसान पहुंचा है। इस दौरान आलू, सरसो और चना कि फसल को काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों ने किसानो को सतर्क रहकर के फसल की देखभाल करने की अपील की है। आज हम इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे है जिससे आप समय पर फसल कि देखभाल कर सकते है।
पाले के दौरान करे फसल की सिंचाई
सिंचाई पानी की अधिक मात्रा को नियंत्रण करने के काम में आती है। मसलन, समुद्र में बड़ी नदी किनारे तापमान न्यूनतम होता है। इस तरह से यहाँ पर पला ज्यादा पड़ता है तो तो नियमित अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए. इससे फसल के आसपास के तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट में कमी आती है। और तापमान में कमी की वजह से फसल को कम नुकसान होता है ।
पौधों की ढककर करे देखभाल
नर्सरी में पाला फसलों को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुँचता है। अधिक ठण्ड की परिस्थिति में नर्सरी में लगे पौधों को प्लास्टिक की चादर से ढक देना चाहिए। ऐसा करने पर अंदर का तापमान कुछ हद तक कम हो जाता है। यदि प्लस्टिक का खर्चा आपको महंगा लग रहा है। तो आपको पुआल का प्रयोग पौधों को ढकने के लिए किया जा सकता है. पौधों को कवर करते समय दक्षिण-पूर्वी भाग खुला होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योकि ताकि पौधे को धूप और हवा से बचाया जा सके।
बाड़ भी फसलों की देखभाल में आती है काम
पेड़-पौधों और फसलों का पाले से बचाव के लिए पेड़-पौधों की बाड़ भी बेहद काम में आती है। खेत के चारों ओर पेड़ या झाड़ी की बाड़ है तो पाला उतना नुकसान नहीं पहुंचा पाता है, क्योंकि चलने वाली शीतलहर सीधे ही फसलों के संपर्क में नहीं आती है। यदि खेत के चरो तरफ बाड़ लगाना सम्भव नहीं है तो आप उत्तर-पश्चिम दिशा में बाड़ लगा सकते है। पेड़ों की ऊंचाई जितनी अधिक होती है तो पाले से बचाव में फसल उतनी ही सुरक्षित रहती है.
उर्वरक होते है फायदेमंद
अगर इन दिनों पाला अधिक पड़ रहा है तो आप आलू, चना, सरसों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फसल पर पाले के प्रभाव को देखते हुए व्यावसायिक गधंक के तेजाब का 0.1 प्रतिशत का छिड़काव करें. गंधक का प्रयोग करने से आसपास के एनवायरमेंट का तापमान बढ़ता है। इससे फसल को नुकसान भी नहीं होता है । also read ; सरसों के तेल की MRP में नए सिरे हुए बदलाव, या देखे प्रति टीन और क्विंटल के थोक भाव