किसान रबी फसलों में अच्छी पैदावार देने के लिए इन खाद उर्वरक का ऐसे करे इस्तेमाल

किसान और देश में खरीफ की फसल की कटाई का काम लगभग पूरा हो चूका है।किसान रबी सीजन की फसलों की बुवाई का काम शुरू कर चुके है वह काफी एरिया में रबी फसलों का काम पूरा भी हो चूका है।रबी फसलों का ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानो को खाद और उवरक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। किसानो को इस बात का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है की कौन सी फसल में कौन सी खाद का इस्तेमाल किया जाता है और कब किया जाता है।अलग अलग फसलों के लिए अलग तरह के खाद का इस्तेमाल होता है। इसलिए किसानो को फसल का ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए ध्यान रखने की जरूरत है। तो चलिए जानते है रबी सीजन की प्रमुख फसलों में खाद के इस्तेमाल से जुडी इन जरुरी बातो के बारे में
डीएपी - इस खाद का इस्तेमाल देश में 1960 से शुरू हुआ। डीएपी एक रासायनीक खाद है तथा अनोमिया आधारित खाद है। डीएपी खाद में 18 प्रतिष्ठ नाइट्रोजन,46 प्रतिशत फॉस्फोरस रहता है। इसमें 18 प्रतिशत नाइट्रोजन में से 15.5 प्रतिशत अनोमिया नाइट्रेड होता है तथा 46 प्रतिशत फॉस्फोरस में से 39.5 प्रतिशतः फॉस्फोरस पाया जाता है। इनका प्रयोग करने से पोधो की जड़े मजबूत होती है।इसलिए डीएपी खाद का इस्तेमाल दो तरह के पोधो के लिए होता है ये आलू ,मूली ,गाजर ,आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
यूरिया - यूरिया खाद में केवल नाइट्रोजन पाया जाता है। नाइट्रोजन की कमी होने के कारण पौधे का विक्रम कम होता है और पोधो की पत्तिया पिली होने लगती है।यूरिया पोधो का विकास करने के साथ साथ पतियों को हरा रखती है। जिससे पोधो को प्रकाश प्रक्रिया करने में आसान होती है। यूरिया सभी तरह की फसल और पोधो में इस्तेमाल किया जाता है।