Bread fruit Farming : यहाँ जानिए ब्रेडफ्रूट की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक विशेषताएं, खेती करने से होता है जबरदस्त लाभ

भारत के कई हिस्सों में ब्रेडफ्रूट की खेती होती है ब्रेडफ्रूट पकाकर खाया जाने वाले फल है इसके साथ ही इसे आप उबालकर भी खा सकते है। वहीं इस इस पेड़ के पत्तियों का उपयोग पशुओं के चारे के लिए होता है यह भारत के तटीय क्षेत्रों की जलवायु के विकास में मुख्य भूमिका निभाता है। आपको बता दे, भारत में इसका उत्पादन केरल और तमिलनाडु के क्षेत्र में होता है वहीं ब्रेड फ्रूट को भारत में कई स्थानीय नामों से भी जाना जाता है जैसे-चाजर, निर्फनास, कदपिला, गुज्जेकाई, जीवी कडगी और नागदमानी जैसे नामों से जाना जाता है।
ब्रेड फ्रूट की खेती का तरीका
जलवायु
ब्रेड फ्रूट की खेती के लिए आर्द्र जलवायु सबसे बेहतरीन होती है। इसके लिए 20 से 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान उचित होता है। वही इसके लिए बारिश 150 से 250 सेंटीमीटर के बीच होनी चाहिए। इसके लिए छाया वाली जलवायु भी अच्छी मानी जाती है।
मिट्टी
ब्रेड फ्रूट के पौधों के विकास के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की जरुरत होती है। वहीं खेत की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए सबसे पहले जमीन को दो से तीन बार जुताई करें और मिट्टी में मौजूद खरपतवार को हटा देते है। खेती मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए उसमें देसी खाद के तौर पर अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिला दें।
कैसे करे सिंचाई
ब्रेड फ्रूट की रोपाई के बाद सिंचाई करनी जरुरी होती है क्योकि सिंचाई से मिट्टी की नमी बनी रहती है। गर्मी के दिनों में इस पौधे को ज्यादा बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। बरसात के समय मिट्टी के कटाव को जरुर रोके और इकट्ठे हुए पानी के निकासी की सुविधा भी कर लें।
कैसे करे कटाई
ब्रेड़फ्रूट के पेड़ों का विकास होने में 3 से 6 साल का समय लग जाता है। ब्रेड फ्रूट के पौधों पर फूल निकलने के बाद लगभग 2 से 4 महीने इस पर फल लगकर पक जाते हैं। इसके बाद फल को काटकर खाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
ब्रेड फ्रूट के लाभ
ब्रेड फ्रूट का सेवन करने से शरीर को काफी लाभ होता है। इसमें मौजूद विटामिन, खनिज, प्रोटीन और फाइबर हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते है। यह फल हमारे दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है। ब्रेड फ्रूट हमें कई तरह के होने वाले इंफेक्शन से बचाता है। यह हमारे दिल को भी सेहतमंद रखता है। इसके अलावा यह मधुमेह, दांत के दर्द, त्वचा की सूजन और बालों के गिरने की समस्याओं का भी निदान करता है। also read : Onam 2023 : जानिए क्यों, कब और कैसे मनाया जाता है ओणम ?