यहाँ जानिए, काले धान की खेती की विशेषता, साधारण और बासमती चावल तुलना में देता है अधिक उत्पादन

देशभर में इन दिनों किसानों ने खरीफ की फसल की कटाई के बाद में धान की बुवाई करना शुरू कर दी है। इन दिनों किसान धान की नर्सरी बनाने के काम में जुट जायेंगे। कई राज्यों में किसानों ने धान की नर्सरी बनाने के काम भी शुरू कर दिया है ऐसे में यदि आप इस बार साधारण और बासमती चावल की बुवाई न करके काले धान की खेती कर रहे है तो आपको जबरदस्त फायदा होने वाला है इस धान की बाजार में काफी अच्छी मांग रहती है इसके साथ ही बाजार में काले चावल का रेट 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक रहता है। वहीं ये चावल सेहत के लिए भी काफी अच्छा होता है।
काले धान का मूल्य
काले धान में पोषक तत्वों की मात्रा साधारण और बासमती चावल से अधिक होने के कारण इसकी बाजार मांग बढ़ी है। इससे इसकी बाजार में अच्छी कीमत मिल रही है। काले धान की कीमत 250 रुपए से लेकर 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक है। जबकि साधारण व बासमती चावल की कीमत 30 रुपए किलोग्राम से लेकर 150 किलोग्राम तक होती है। यह चावल दुनियाभर में कतर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त् अरब अमीरात में इसका निर्यात भी किया जाता रहा है।
काले धान की क्या है विशेषता
काले धान में एंटी-कैंसर एजेंट तत्व मौजूद होते है। इसमें आयरन, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा रहता है।
ब्लैक राइस को पकाने के बाद इसका रंग बदल जाता है, इसलिए इसे नीला भात के नाम से भी जाना जाता है।
इसके पौधे की लंबाई साधारण धान की तरह ही होती है लेकिन इसकी बाली के दाने लंबे होते हैं।
काले धान की फसल 100 से 110 दिन की अवधि में पककर तैयार हो जाती है।
काले धान की खेती कम लागत और कम पानी में की जा सकती है।
काले धान के पौधे मजबूत होते हैं जिससे पौधों के टूटने की समस्या नहीं होती है।
कहां से मिलेगा काले धान का बीज
कृषि विभाग और अन्य संस्थाएं से मंगवा सकते है। इसके अलावा काले धान का बीज कई ऑनलाइन शॉपिग प्लेटफार्म से भी खरीदा जा सकता है। वहीं किसान अपने क्षेत्र के काले धान के बीज उत्पादक किसान से भी इसके बीजों की खरीद कर सकते हैं।
कैसे करें काले धान की खेती
काले धान की खेती से पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है। किसान मानसून से पहले इसकी नर्सरी तैयार कर सकते हैं। नर्सरी तैयार होने में करीब एक माह का समय लगता है। काले धान की बीज की रोपाई के एक महीने बाद मुख्य खेत में पौधों की रोपाई की जाती है। इसकी फसल करीब 5 से 6 माह में पककर कटाई के लिए तैयार हो जाती है। हालांकि अन्य किस्मों की तुलना में काले धान की फसल को तैयार होने में अधिक समय लगता है।also read : गेंहू की टॉप 3 किस्में कम समय में देगी बंफर उत्पादन, जानिए विशेषता