इन 3 तरह के पेड़ो की खेती से कुछ ही समय में होगी लाखों की कमाई, जानिए खेती करने की तकनीक

कृषि वानिकी इस समय किसानों के लिए फायदा का सौदा साबित हो रही है बहुत से किसान पारम्परिक खेती को छोड़कर खेती में पेड़ लगा रहे है और अच्छी कमाई कर रहे है। आज के समय में यह आय का बेहतरीन सोर्स बन चुका है। देश में बहुत से ऐसी किसान है जो कृषि से काफी अच्छा लाभ कमा रहे है इनमें आप सफेदा, महोगनी, सागवान, गम्हार, चंदन आदि कई पेड़ हैं जिनकी खेती करके किसान अच्छी खासी कमाई कर पाए हैं। ये पेड़ न सिर्फ अच्छा मुनाफा देते हैं बल्कि कम देखभाल और लागत भी बहुत कम आती है। हालांकि इस पेड़ की खेती में 15 से 20 साल का लंबा धैर्य भी किसानों को रखना होता है। युवाओं के लिए इस खेती में बहुत कुछ खास है।
क्यों की जानी चाहिए पेड़ो की खेती
इससे किसानों को अनाज मिल पाता और अन्य उपयोगी उत्पाद प्राप्त हो जाते है। लेकिन कृषि वानिकी या पेड़ों की खेती से फर्नीचर और अन्य कार्यों के लिए कीमती लकड़ियां प्राप्त होती है। गौरतलब है कि भारत में उच्च क्वालिटी के लकड़ियों की मांग काफी ज्यादा है। यही वजह है कि अच्छी क्वालिटी की लकड़ियों की मांग को देखते हुए भारत में विदेशों से काफी लकड़ियां आयात की जाती हैं। ये लकड़ियां बेहतरीन क्वॉलिटी की होती हैं। लकड़ियों की खेती भारत के मुकाबले इंग्लैंड और अमेरिका जैसे विकसित देशों में काफी आम है। यही वजह है कि भारत अपनी जरूरतों के लिए विदेशों से लड़कियां आयात करता है। इसके लिए भारत के आयातक अच्छी खासी कीमत चुकाते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी पेड़ो की खेती के बारे में बता रहे है जिनसे आप अच्छा लाभ कमा सकते है।
सफेदा के पेड़ की खेती
सफेदा की लड़की का उपयोग फर्नीचर, ईंधन और कागज की लुगदी बनाने के लिए किया जाता है। सफेदा को यूकेलिप्टस भी कहा जाता है। फर्नीचर और डिजाइनर लकड़ियों के तौर पर सफेदा का उपयोग बड़े स्तर पर देखने को मिलता है। किसान इस पेड़ की खेती करके काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। बता दें कि एक हेक्टेयर भूमि में सफेदा के 3000 पौधे लगाए जा सकते हैं। यह पेड़ सिर्फ 5 साल में अपना पूर्ण विकास कर लेता है।
महोगनी के पेड़ की खेती
इंडिया में डिज़ाइनर लकड़ियों और फर्नीचर के लिए आप बेहतरीन क़्वालिटी की लकड़ी का इस्तेमाल कर सकते है महोगनी की लकड़ी फर्नीचर, सजावटी सामान आदि तो बनाए ही जाते हैं साथ ही इसकी पत्तियों से और बीजों से तेल का भी निर्माण किया जाता है। ये तेल कीटनाशक के निर्माण और मच्छर भगाने वाली दवाई के निर्माण में भी उपयोग में लाए जाते हैं। यही वजह है कि महोगनी के पत्तों के साथ-साथ बीजों का भी बड़ा उपयोग देखने को मिलता है। इसके बीज बाजार में 1 हजार रूपए प्रति किलो के हिसाब से बिकते हैं। 12 साल में महोगनी का पेड़ तैयार हो जाता है। 1 हेक्टेयर जमीन पर अगर महोगनी की खेती की जाए तो 1100 पेड़ लगाए जा सकते हैं और 12 साल बाद महोगनी का एक पेड़ किसान को 20 से 25 हजार रुपए की कमाई दे सकता है।
सागवान के पेड़ की खेती
सागवान के पेड़ो की कटाई किसान 15 से 20 साल में कर सकते है सागवान का उपयोग फर्नीचर के अलावा नाव, जहाज, खिड़कियां, चौखट आदि के निर्माण में भी किया जाता है। वहीं रेल के डिब्बों का निर्माण में भी इसी लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है सागवान के पत्तो का भी औषधीय उपयोग है इसके पत्तो का इस्तेमाल दर्द, इचिंग और ब्लड बाइल्स में सागवान के पत्तों से राहत मिलती है। एक एकड़ में सागवान के 500 पेड़ लगाए जा सकते हैं और 15 से 20 साल बाद सागवान का पेड़ 25 से 30 हजार रुपए प्रति इकाई के हिसाब से बेचा जा सका है। इस तरह किसान एक एकड़ में सागवान की खेती करके भी करोड़पति बन सकते हैं। also read : किसानों को फ्री में मिल रहा है नि:शुल्क ट्यूबवेल कनेक्शन, जान लीजिए आवेदन की पूरी प्रोसेस