धान की फसल में इस माह करे ये जरुरी काम,होगा मुनाफा

 
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खरीफ फसल का सीजन चल रहा है।इसके तहत ज्यादातर राज्यों के किसानो ने धान की रोपाई की है।अब धान बड़ी हो गई है।ऐसे में धान की फसल को विशेष देखभाल की जरूरत है।अगर धान की फसल इस समय सही से देखभाल कर ली जाए तो इससे काफी बेहतर पैदावार हासिल की जाती है।इस समय धान की खरपतवार बढ़ती है और कई तरह के किट भी धान के पौधे को नुकसान पहुंचाते है जिसे इसकी पैदावर में कमी आ जाती है। तो आइये जानते है धान की फसल की कैसे देखभाल करे। also read : फ्री में सौलर पैनल उपलब्ध करवा रही है कंपनी, जानिए आवेदन की पूरी प्रोसेस

धान में जल प्रबंधन की सही व्यवस्था रखे।खेत में ज्यादा पानी खड़ा नहीं होने दे।इसके लिए पानी को खेत में बाहर निकाले,लेकिन इतना पानी खेत में जरूर हो जिससे भूमि में नमि बनी रहे।अगर आपकी धान की फसल 20 दिन की हो गई है तो इसमें पाटा जरूर चलाए।इससे कल्ले अच्छे निकलेंगे और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। 

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बालिया और फूल निकलने के समय खेत में पर्याप्त नमी बनाए रखना बेहद जरुरी है।इसके लिए जरूरतानुसार समय समय पर सिचाई करते रहे।सिचाई करते समय ध्यान रखे की एक सिचाई से दूसरी सिचाई में अंतराल होना चाहिए।धान में नाइट्रोजन की दूसरी मात्रा ड्रेसिंग के रूप में 50 -50 दिन बाद जब पौधे में बालिया बनने लगे तब उन्नतशील प्रजातियों के लिए 30 किलोग्राम नाइट्रोजन की मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करे। 

धान को झुलसा रोग से होता है बेहद नुकसान 
धान का झुलसा रोग इसकी पतियों से फैलता है।यह एक जीवाणु जनित रोग है।यह रोग पोधो की छोटी अवस्था से लेकर परिपक अवस्था तक कभी भी हो सकता है।इसलिए रोग के लिए समय समय पर धान के पौधे की निगरानी रखना जरुरी है।इस रोग से ग्रसित पौधे की पत्तियों के किनारे ऊपरी भाग से शुरू होकर मध्य भाग तक सूखने लगते है।इस दौरान सूखे पिले पत्ते दिखाई देने लगते है।इसके बचाने के लिए जिस खेत में रोग लगता है उसका पानी दूसरे खेत में नहीं जाने दे।इससे रोग फैलने की संभावना होती है।