किसान को इस किस्म की मूली की खेती करने से होगा बेहद मुनाफा,जानिए

सलाद का सेवन सभी घरो में किया जाता है।इसके बिना खाने का मजा नहीं आता है।ऐसे में मूली सलाद के रूप से मिल ही जाती है।मूली का इस्तेमाल सब्जी,सलाद में किया जाता है।ये बेहद लाभदायक है।अधिकतर किसान सर्दी के मौसम में मूली की बुवाई करते है,लेकिन अगर किसान भाई को मूली की खेती से अच्छा लाभ कामना है तो मूली की अगेती बुवाई करनी चाहिए।भारतीय कृषि अनुसंधान ने मूली की कई किस्म विकस्ति की है।इनमे पूसा चेतकी और पूसा मृदुला की खेती कर सकते है। also read : सरसों की ये 8 किस्में कुछ ही दिनों में तगड़ा उत्पादन, देखकर खुद की आँखों पर नहीं कर सकेंगे यकीन, जानिए कैसे ?
पूसा चेतकी और पूसा मृदुला किस्म की खेती कम समय में जल्दी तैयार हो जाती है।इस किस्म की मूली के पत्ते एक समान रूप से हरे और बिना कटे हुए होते है और इसके पत्तो का प्रयोग सब्जी में किया जाता है।यह किसम 35 से 40 दिन में बुवाई के बाद तैयार हो जाती है।पूसा चेतकी की जड़ 25 से 30 सेंटीमीटर लम्बी होती है,खाने में बहुत टेस्टी होती है।
पूसा मृदुला
मूली लम्बे आकार ही होती है।लेकिन मूली की यह किसम गोल आकार की लाल कलर की होती है।साथ ही ये किसम बहुत कम समय में तैयार हो जाती है।इसके तैयार होने का जो समय है वो 28 से 32 दिन है।मूली जड़ वाली फसल है ऐसे में बलि या दोमट मिटटी इसकी बुबाई के लिए बढ़िया मानी जाती है।इनकी बुबाई मेड पर भी कर सकते है।सबसे पहले बीजोपचार जरूर कर ले।ऐसे खेत में बुबाई करे जहा जलभराव न होता है।बुबाई के तुरंत बाद पेडिमैथिलीन नामक खरपतवार नाशक का छिड़काव करे।