Farming Technique : इन फसल विधियों की मदद से सुधार सकते है, आप अपनी जमीन का भू-जल स्तर, जानिए कैसे ?

 
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आजकल भूजल स्तर का नीचे होने के कारण लगातार पानी का लेवल गिरता ही जा रहा है। जब किसी भी स्थान का भूजल स्तर नीचे चला जाता है तो वह सूखने लगते है। यही प्रक्रिया हमारे खेतों पर भी लागु होती है। जब हमारे खेतों का भू जल स्तर अच्छा होता है तो मिट्टी की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। लेकिन जब भी इसमें कमी होने के साथ ही इनकी क्वालिटी में भी कमी आने लगती है। यदि आप भी भू जल स्तर को सही बनाये रखना चाहते है तो आज हम आपको कुछ तकनीकों के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है। 

Crop Diversification 
फसल विविधिकरण एक ऐसी प्रक्रिया होती है  जिसमें फसलों की खेती करने के लिए पारंपरिक खेती के साथ ही साथ आज के आधुनिक और वैज्ञानिक तरीकों को भी उपयोग में लाया जाता है। आप इस विधि के माध्यम में अपनी भूमि का जल स्तर बेहतर कर सकते है। इनमें प्रयोग होने वाली सबसे ज्यादा बागवानी फसलें होती हैं। जिनके द्वारा भूमिगत जल स्तर स्थिर रहता है इसके साथ ही मिट्टी में जीवाश्मों की संख्या भी स्थिर बनी रहती है। इस विधि में फसलों की गुणवत्ता भी कायम बनी रहती है। 

Zero Tillage Farming 
इस प्रकार की विधि में हम अपनी फसल की कटाई करने के बाद में जो फसल बच जाती है उसकी हलकी जुताई या बिना जुताई किए दूसरी फसल चक्र के लिए काम शुरू कर सकती है इस प्रक्रिया को Zero Tillage Farming के नाम से जाना है। इसमें बीजो की बुवाई के लिए हम जीरो टेलीज मशीन का इस्तेमाल करता है। इस विधि में आप गन्ना, गेहूं और धान जैसी फसलों का उत्पादन कर सकते है। इस विधि के माध्यम से आप अपनी जमीन का भू जल स्तर बढ़ा सकते है। 

Micro Irrigation System 
यह एक विशेष प्रकार की सिंचाई प्रणाली होती है जिसके माध्यम से हम कम पानी में अधिक खेती कर सकते है। पारम्परिक सिंचाई की तुलना में हमें इस सिंचाई में लगभग 60 प्रतिशत तक कम पानी की आवश्यकता होती है। इस सिंचाई प्रणाली को अलग अलग भागो में बाटा जा सकता है। जिनमें ड्रिप, स्प्रिंकलर जैसी विधियों को प्रयोग किया जाता है। हम अपने खेतों में इन प्रक्रियाओं के माध्यम से भी भूजल स्तर में सुधार कर सकते हैं। also read : 
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